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Okhla Bird Sanctuary: ओखला पक्षी विहार को फिर से खोलने की तैयारी, जानें- नियम व शर्तें

ओखला पक्षी विहार में भारतीय पर्यटक के लिए टिकट की राशि 30 रुपये व विदेशी पर्यटक के लिए 300 रुपये है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 09:47 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 09:47 PM (IST)
Okhla Bird Sanctuary: ओखला पक्षी विहार को फिर से खोलने की तैयारी, जानें- नियम व शर्तें
Okhla Bird Sanctuary: ओखला पक्षी विहार को फिर से खोलने की तैयारी, जानें- नियम व शर्तें

नोएडा [आशीष धामा]। कोरोना के कारण हुए संपूर्ण लॉकडाउन से बंद पड़े ओखला पक्षी विहार को 15 सितंबर से दोबारा खोलने की तैयारी है। पक्षी विहार में पक्षियों का कलरव देखने के लिए मास्क व शारीरिक दूरी का पालन आवश्यक होगा। इसके अलावा पक्षी विहार में एक दिन में सिर्फ 100 पर्यटक ही सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक पक्षी विहार में जा सकेंगे।

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प्रभागीय वनाधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ओखला पक्षी विहार में भारतीय पर्यटक के लिए टिकट की राशि 30 रुपये व विदेशी पर्यटक के लिए 300 रुपये है। वहीं, डीएसएलआर कैमरा साथ ले जाने पर टिकट 500 रुपये का हैं। इस समय पक्षी विहार में करीब 3000 देसी पक्षी मौजूद है।

कोरोना से पूर्व हर दिन 500 पर्यटक करते थे सैरञ

कोरोना संकटकाल से पूर्व ओखला पक्षी विहार में हर दिन 500 से ज्यादा भारतीय व विदेशी पर्यटक सैर करने के लिए पहुंचते थे। सर्दियों के दिनों में ओखला पक्षी विहार विदेशी पङ्क्षरदों से गुलजार हो जाता है। प्रतिवर्ष ओखला पक्षी विहार राजस्व को भी फायदा पहुंचाता है। पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी मौजूद है। फोटो फ्रेङ्क्षमग के लिए सुंदर बोट व यमुना किनारे कुर्सियां बिछी हुई हैं। इसके अलावा बोर्ड पर पक्षी के संबंध में जानकारी भी है। इतना ही नहीं कार्यशाला आयोजित करने के लिए अब ओखला पक्षी विहार में बोर्ड रूम व हाई रिजोल्यूशन कैमरे की व्यवस्था की जा रही है।

5 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला ओखला पक्षी विहार

ओखला पक्षी विहार पांच हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां प्रतिवर्ष साइबेरिया, नार्थ अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, कोलंबिया, कनाडा, यूरोप, अफ्रीका, मिडिल नॉर्थ अमेरिका, जापान, ईस्ट चाइना, नीदरलैंड समेत विभिन्न देशों से 8 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर विदेशी पक्षी पहुंचते हैं। विदेशी प्रजातियों में यहां सबसे ज्यादा नॉर्दन शॉवलर, कॉमन टील, यूरेशियन कूट, गडवाल, नॉर्दन ङ्क्षपटल, ग्रेलेग गूज, यूरेशियन स्पूनबिल, ग्रेटर फ्लोङ्क्षमगो, साइबेरियन क्रेन समेत 64 विभिन्न प्रजातियों के पक्षी हजारों की संख्या में दल बनाकर आते हैं।

प्रवास के दौरान आने वाली चुनौतियां

भले ही प्रवास को आसान बनाने के लिए विदेशी पक्षी अपने शरीर को अनुकूलित कर लेते हैं, फिर भी इन्हें अपने इस सफर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमें पर्याप्त भोजन न मिलना, हवा में उड़ते समय बिङ्क्षल्डग या हवाई जहाज से टक्कर, प्रदूषण और निर्माण कार्यों की वजह से ठहराव या निवास स्थान का विनाश, खराब मौसम और तूफान भी इन्हें घायल कर देते हैं या राह से भटका देते हैं। हालांकि हर वर्ष होने वाले इस प्रवास के बाद पक्षी अपने देश लौटते हैं।

प्रवास पर क्यों आते हैं विदेशी पक्षी

शीत ऋतु यानी जाड़े में प्रवासी पक्षियों के मूलनिवास के स्थानों पर बर्फ जम जाती है। अधिक ठंड के कारण आहार की कमी होने पर ये पक्षी भारत जैसे गर्म देशों में चले आते हैं, जहां बर्फ नहीं जमती और उन्हें आहार भी अच्छा मिलता है।

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