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नोएडा में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में दिल्ली के डाॅक्टर सहित तीन लोग गिरफ्तार

नोएडा में आक्सीजन की कालाबाजारी के बाद अब पुलिस ने क्राइम ब्रांच संग मिल कर दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डाॅक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से तीन इंजेक्शन तीन मोबाइल और ब्रेजा कार बरामद की गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 04:46 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 04:46 PM (IST)
नोएडा में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में दिल्ली के डाॅक्टर सहित तीन लोग गिरफ्तार
ठीक हुए संक्रमितों से इंजेक्शन लेकर जरूरतमंदों को बेचते थे आरोपित

नोएडा [लाेकेश चौहान]। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोपित में कोतवाली सेक्टर-24 पुलिस और क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डाॅक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से तीन इंजेक्शन, तीन मोबाइल और ब्रेजा कार बरामद की गई है। आरोपित डॉ. निशरत इमाम जरूरतमंदों के नाम पर अस्पताल और ठीक हो चुके संक्रमितों के पास बचे इंजेक्शन को एकत्र करके आरोपित हमजा और मुजिबुर्र रहमान के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों को 35 हजार रुपये में बेचता था। अब तक आरोपितों ने करीब 12 लोगों को इंजेक्शन बेचे हैं।

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अब तक करीब 12 लोगों को 35 हजार की दर से बेच चुके हैं इंजेक्शन

क्राइम ब्रांच के डीसीपी अभिषेक ने बताया कि सूचना के आधार पर थाना सेक्टर-24 पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में तीनों आरोपितों को तीन इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों में से डॉ. निशरत इमाम दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में डाॅक्टर है। वह दिल्ली के पटपड़गंज के मिलन विहार अपार्टमेंट में रहता है। मूलरूप से वह बिहार के आरा जिले का रहने वाला है।

इंजेक्शन की तलाश में मिले थे दोनों हमजा एवं रहमान

वहीं हमजा और मुजिबुर्र रहमान गाजियाबाद के साहिबाबाद की पीर कालोनी के रहने वाले हैं। आरोपितों में एक मनी ट्रांसफर की दुकान चलाता है और दूसरा नोएडा की फार्मेसी में काम करता है। दोनों आरोपितों की मुलाकात डाॅ. निशरत इमाम से उस समय हुई थी, जब वह अपने एक परिचित के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की तलाश कर रहे थे। डॉ. निशरत इमाम ऐसे संक्रमितों के संपर्क में रहता था, जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और अब उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत नहीं थी। उनसे डॉ. निशरत बाजार दर पर इंजेक्शन खरीदता था और फिर उसकी कालाबाजारी करता था। पूछताछ में तीनों ने बताया कि अब तक वे करीब 12 लोगों को 35 हजार रुपये की दर से इंजेक्शन बेच चुके हैं।


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