ग्लोबल वार्मिंग के चलते गर्म हुई सतह से लगातार बढ़ा रहा तापमान Noida News
पृथ्वी की सतह का औसत तापमान में यह बढ़ोतरी ग्रीन हाउस गैसों के प्रभाव में आने की वजह से होती है। ग्लोबल वार्मिंग के कहर से पृथ्वी लगातार गर्म होती जा रही है।
नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। बढ़ता प्रदूषण सिर्फ सांस संबंधित बीमारियों को ही दावत नहीं दे रहा, बल्कि यह ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाकर हमारे सामान्य जीवन को प्रभावित कर रहा है, लेकिन हम इसके खतरे को पूरी तरह से अभी भी समझ नहीं पा रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग का असर रहा कि नोएडा शहर में अक्टूबर का महीना पिछले 13 सालों में दूसरी बार सबसे गर्म रहा। चार सालों बाद न्यूनतम तापमान का अधिकतम 16 डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज किया गया। जबकि इससे पहले 2014 में अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज किया गया था।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) के मुताबिक, 31 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम 31 अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक-एक डिग्री कम दर्ज किया। वहीं, हवा में नमी का स्तर सुबह साढ़े आठ बजे 90 फीसद जबकि साढ़े पांच बजे 61 फीसद दर्ज किया गया। इससे पहले 30 अक्टूबर 2014 को न्यूनतम तापमान सबसे अधिक 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जो कि पिछले पांच सालों में सर्वोच्च था।
क्या है ग्लोबल वार्मिंग
स्काइमेट वेदर (Skymet Weather) के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग का मतलब पृथ्वी का तापमान बढ़ना होता है। इस दौरान पृथ्वी की सतह का औसत तापमान में यह बढ़ोतरी ग्रीन हाउस गैसों के प्रभाव में आने की वजह से होती है। ग्लोबल वार्मिंग के कहर से पृथ्वी लगातार गर्म होती जा रही है। क्लाइमेट चेंज होने की वजह से सूखा, बाढ़ और मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ दिखाई देता है।
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