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अब शोर मचाएगा 'Shor App' ऑफिस में युुवतियों-महिलाओं के साथ नहीं होगी 'गंदी बात'

Shor App लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 का कड़ाई से पालन नहीं हो पा रहा था। एप लांच होने के बाद अधिनियम का कड़ाई से पालन किया जा सकेगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 03:19 PM (IST)
अब शोर मचाएगा 'Shor App' ऑफिस में युुवतियों-महिलाओं के साथ नहीं होगी 'गंदी बात'
अब शोर मचाएगा 'Shor App' ऑफिस में युुवतियों-महिलाओं के साथ नहीं होगी 'गंदी बात'

नोएडा, जागरण संवाददाता। ऑफिस पर उत्पीड़न (Workplace harassment)  की शिकार महिलाएं व युवतियां अब शोर ऐप (SHOR APP) पर अपनी शिकायत कर सकेंगी। शुक्रवार को सेक्टर-6 स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में शहर के विधायक पंकज सिंह, जिलाधिकारी बीएन सिंह व इंटेरा साॅफ्टवेयर कंपनी के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से इस एेप को लांच किया।

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महिलाएं इस तरह एप पर कर सकेंगी शिकायत

महिलाएं अपनी शिकायत एप व वेबसाइट पर जाकर कर सकती हैं। महिलाओं को मोबाइल में एप डाउनलोड कर पंजीकरण करना होगा। मोबाइल नंबर डालने पर प्राप्त ओटीपी से सत्यापन करना होगा। इसके बाद शिकायतकर्ता महिला दिए विकल्प में अपना नाम, कार्यस्थल, आरोपित का नाम व घटना की जानकारी हिंदी व अंग्रेजी में कर सकेगी। यह शिकायत कमेटी को ट्रांसफर कर दी जाएगी। पीड़ित महिला शिकायत नंबर से जांच की प्रगति रिपोर्ट देख सकेगी। यह एप उनके लिए काफी लाभदायक होगा।

मातृ शक्‍ति को ताकत देने से ही सर्वांगीण विकास होगा

वहीं, विधायक पकंज सिंह ने कहा कि मातृ शक्ति को ताकत देने से ही देश का सर्वांगीण विकास होगा। यह एप महिलाओं को मजबूत करेगा। अब महिलाओं को उत्पीड़न की शिकायत करने के लिए थानों या अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वे अपनी शिकायत घर बैठे ही इस एप की मदद से कर सकेंगी।

नहीं हो पा रहा लैंगिक उत्‍पीड़न अधिनियम का कड़ाई से पालन

इस दौरान जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि इंटेरा कंपनी के साथ कुछ माह पहले समझौता हुआ था। उसी समझौते के तहत यह एप लांच किया गया है। लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 का कड़ाई से पालन नहीं हो पा रहा था। एप लांच होने के बाद अधिनियम का कड़ाई से पालन किया जा सकेगा। जिले में 14 हजार से अधिक कंपनियां पंजीकृत हैं।

15 दिनों के अंदर बनेगी जांच कमेटी

इसके अलावा अन्य सरकारी व गैर सरकारी संस्थान भी हैं, जहां हजारों महिलाएं कार्यरत हैं। अब सभी संस्थाओं को 15 दिन के अंदर आंतरिक शिकायत कमेटी बनानी होगी। इसके बाद संस्था को एप पर भी पंजीकृत कराना होगा।

नियत समय में करनी होगी रिपोर्ट अपडेट

संस्थाओं को निर्धारित समय पर एप पर अपनी रिपोर्ट भी अपडेट करनी होगी। वहीं, सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने एप को महिलाओं के लिए मददगार बताया है। उन्होंने कहा कि इसका सही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। वहीं, एसएसपी वैभवकृष्ण का कहना है कि पुलिस पीड़ित महिलाओं को त्वरित मदद उपलब्ध कराएगी।

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