EXCLUSIVE: शाहबेरी मामले में बड़ी मछली को पुलिस ने दी क्लीन चिट, SSP ने दिए फिर से जांच के आदेश
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद शाहबेरी प्रकरण की पहली एफआइआर व एक अन्य के जांच के आदेश दिए गए है।
ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। शाहबेरी प्रकरण में दर्ज हुई पहली एफआइआर की पुन: जांच के आदेश दिए गए हैं। आरोप है कि पहली एफआइआर में बड़ी मछली को खाकी की क्लीन चिट मिल गई और किसी अन्य व्यक्ति को आरोपित का नाम दर्शा कर जेल भेज दिया गया।
मामले की पुन: जांच सीओ तृतीय ग्रेटर नोएडा राजीव सिंह को सौंपी गई है। जांच के बाद रिपोर्ट एसएसपी वैभव कृष्ण को भेजी जाएगी। वहीं शाहबेरी के ही एक अन्य प्रकरण में एफआइआर दर्ज होने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम चार्जशीट दाखिल होने के दौरान कागजों में बदल दिया गया और गुनहगारों को बचाया गया। कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम कागजों में बदलने के मामले में रजिस्ट्रार कार्यालय से भी रिपोर्ट भी मांगी गई है।
मुख्य आरोपितों के भूमिका की होगी जांच
बताया गया है कि शाहबेरी प्रकरण में जो पहली एफआइआर दारोगा राजेंद्र कुमार की तरफ से दर्ज कराई गई। उसमें गंगा शंकर द्विवेदी को शाहबेरी में प्रापर्टी खरीदने व बेचने वाला बताया गया। एफआइआर में 14 नंबर पर अंकित नाम श्याम जी पाठक उर्फ सोनू पाठक को दाखिल चार्जशीट में गंगा शंकर द्विवेदी का साला बताया गया है। जांच में आदेश दिए गए है कि श्याम जी पाठक ही सोनू पाठक है या नहीं इसको पता किया जाए और श्याम जी पाठक का प्रापर्टी खरीदने व बेचने से कोई सरोकार है या नहीं।
वहीं दूसरे मामले में 16 अक्टूबर 2018 को एक मुकदमा मैसर्स एक्टिव एक्यूपमेंट के सोनित्य कुमार के खिलाफ दर्ज किया गया। पुलिस जांच के दौरान मैसर्स एक्टिव के सोनित्य कुमार का नाम चार्जशीट से निकाल कर दीपक त्यागी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। जांच में दर्शाया गया कि मैसर्स एक्टिव के निदेशक द्वारा दीपक त्यागी की कंपनी दिव्यांका से पूर्व में ही निर्माण एग्रीमेंट कर लिया गया था। जांच में पूछा गया है कि दोनों कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच जो करार हुआ है वह पंजीकृत है या नहीं। रजिस्ट्रार कार्यालय के रजिस्टर में कंपनी का दूसरे से करार किस नंबर पर है यह भी पुन: जांच में पूछा गया है।
दो पर रासुका व 42 पर गैंगस्टर एक्ट के तहत हो चुकी है कार्रवाई
शाहबेरी में अवैध निर्माण करने वाले आरोपित बिल्डरों में से दो शाहबुद्दीन व जसवीर मान पर जिला प्रशासन रासुका की कार्रवाई कर चुका है। वहीं 42 बिल्डरों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा चुकी है। मामले में कुल 86 मुकदमे दर्ज है।
गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद शाहबेरी प्रकरण की पहली एफआइआर व एक अन्य के जांच के आदेश दिए गए है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह है शाहबेरी प्रकरण
शाहबेरी में बिना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से नक्शा पास कराए अवैध निर्माण किया गया। बीते साल 17 जुलाई 2018 को शाहबेरी में दो अवैध इमारतें गिर गई थीं। मलबे में दबने से नौ लोगों की मौत हो गई थी। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचने के बाद शाहबेरी प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी का गठन कर दिया गया था।
28 फ्लैट बेचने का है आरोप
उपनिबंधक दादरी के 27 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार इस कंपनी ने 28 फ्लैट बेचे हैं। फ्लैट बेचने से मिलने वाली राशि किसके खाते में भेजी गई है इसकी पुन: जांच की जा रही है। जिन खातों में रकम भेजी गई है वह मैसर्स एक्टिव के हैं या दिव्यांका कंपनी के है यह पुन: जांच के बाद स्पष्ट होगा।
ये भी पढ़ेंः 2012 Nirbhaya Case: फांसी की सजा पाये विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश
दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक