इंटरनेट नेटवर्क से अपराध होने पर सर्विस प्रोवाइडर भी दोषी
एएलटीटीसी के सहायक निदेश कृष्णा कुमार यादव ने बताया कि ज्यादातर बड़े अपराध इंटरनेट नेटवर्क के जरिए होते हैं। किस अपराध के लिए किसे-किसे दोषी माना जाएगा इस संबंध में दूरसंचार विभाग और ट्राई (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) खाका तैयार कर रहा है।
गाजियाबाद [हसीन शाह]। अब कोई भी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आइएसपी) सुरक्षा संबंधी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकेगा। यदि इंटरनेट नेटवर्क से साइबर अपराध होता है तो आइएसपी को भी दोषी माना जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने से पहले दूर संचार मंत्रालय के निर्देश पर एडवांस लेवल टेलीकाम ट्रेनिंग सेंटर एएलटीटीसी से भारत समेत छह देशों के इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया गया ।
नेटवर्क के जरिये होते हैं बड़े अपराध
अगर हैकर साइबर अपराध कर देता है तो केवल अपराधी पर ही कार्रवाई होती है। पीड़ित व्यक्ति भी हैकर के खिलाफ ही थाने में केस दर्ज कराता है। फिलहाल आइएसपी की सुरक्षा संबंधी कोई जिम्मेदारी नहीं है। एएलटीटीसी के सहायक निदेश कृष्णा कुमार यादव ने बताया कि ज्यादातर बड़े अपराध इंटरनेट नेटवर्क के जरिए होते हैं। किस अपराध के लिए किसे-किसे दोषी माना जाएगा, इस संबंध में दूरसंचार विभाग और ट्राई (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) खाका तैयार कर रहा है।
जिम्मेदारी तय होगी
अगर साइबर अपराधी नेटवर्क के जरिए कोई अपराध करता है तो इसकी जिम्मेदारी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को लेनी होगी। दूसरी ओर अगर कोई उपभोक्ता कोई साइट या मेल खोलने पर साइबर अपराधी के चुंगल में फंस जाता है तो इसकी जिम्मेदारी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की नहीं होगी। कुछ लोग अपने वाई-फाई का खुला छोड़ देते हैं और अपराधी वाई-फाई का इस्तेमाल कर आपत्तिजनक मैसेज कर देते है। इस स्थिति में वाई-फाई से अपराधी को इंटरनेट मुहैया कराने वाले उपभोक्ता को दोषी माना जाएगा।
प्रशिक्षण दिया गया
इस व्यवस्था को शुरू करने से पहले इस संबंध में केंद्रीय दूर संचार मंत्रालय के निर्देश पर इंजीनियरों को एएलटीटीसी में प्रशिक्षण दिया गया । गाजियाबाद स्थित दक्षिण पूर्वी एशिया के सबसे बड़े एएलटीटीसी से प्रधान महा प्रबंधक सुभाष चंद व सहायक निदेशक कृष्णा कुमार यादव व सहायक निदेश आलोक त्यागी ने मंगोलिया, मलेशिया, अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश और कंबोडिया सरकार के इंजीनियरों को इस संबंध में प्रशिक्षण दिया। इंटरनेशनल टेली कम्यूनिकेशन संगठन ने देशों को साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण देने के दूर संचार मंत्रालय के साथ समझौता किया है। मंत्रालय में इन्हें प्रशिक्षण के लिए अधिकृत किया है।
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