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स्कूलों की फीस को लेकर योगी सरकार के फैसले से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अभिभावकों को राहत

Uttar Pradesh School fees उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का ने बड़ा फैसला किया है। सत्र 2021-22 में स्कूल फीस में बढ़ोतरी नहीं होगी। स्कूल फीस तीन महीने में एक बार की जगह हर महीने भी जमा कर सकेंगे।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 10:04 AM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 10:04 AM (IST)
स्कूलों की फीस को लेकर योगी सरकार के फैसले से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अभिभावकों को राहत
स्कूलों की फीस को लेकर योगी सरकार के फैसले से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अभिभावकों को राहत

नोएडा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में आर्थिक संकट झेल रहे नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत जिलेभर के अभिभावक लंबे समय से फीस में रियायत की मांग कर रहे थे, जिसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बृहस्पतिवार को सभी बोर्ड के स्कूलों को 2021-22 सत्र में फीस न बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि गौतमबुद्ध नगर जिले में अप्रैल में ही जिला प्रशासन की ओर से नए सत्र में फीस न बढ़ाने के आदेश दिए गए थे। जिले के अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के आदेश का स्वागत किया है और इसके साथ ही आदेश में स्पष्टता की बात भी कही है। कंपोजिट फीस के मामले को सुलझाना जरूरी अभिभावक अभिष्ट गुप्ता बताते हैं कि अभिभावकों को रियायत देने की मंशा से जारी किए गए आदेश में स्कूलों से लैब, परीक्षा शुल्क आदि शुल्क ने लेने की बात कही गई है यह सराहनीय है, लेकिन कहीं भी इस बात को स्पष्ट नहीं किया गया है कि स्कूल कंपोजिट फीस ले सकते हैं या नहीं।

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यहां पर बता दें कि जिले के ज्यादातर स्कूल कहते हैं कि हम अन्य कोई शुल्क नहीं ले रहे, लेकिन कंपोजिट फीस में सभी शामिल कर लेते हैं और उनकी जानकारी मांगने पर कोई उत्तर भी नहीं मिलता।

गौतमबुद्ध नगर पैरेंट्स वेल्फेयर सोसाइटी के संस्थापक मनोज कटारिया ने आदेश की सराहना करते हुए कहा कि ज्यादातर प्वाइंट जिले में पहले से लागू हैं। उन्होंने कहा कि आदेश में वार्षिक शुल्क की स्थिति को भी स्पष्ट किया जाना चाहिए था, क्योंकि उसके कारण कई स्कूल बच्चों की पढ़ाई रोक रहे हैं।

ऑल नोएडा स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष यतेंद्र कसाना ने बताया कि इस आदेश से अभिभावकों का फायदा तभी होगा जब इसे और स्पष्ट किया जाए। खासकर कंपोजिट फीस को लेकर स्कूल अभिभावकों को उलझाते हैं। आदेश में अगर इस बात को लिखा जाता कि स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे या सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करते हुए 15 फीसद छूट दी जा रही है तो सारी लड़ाई ही खत्म हो जाती।


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