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Bawariya Gang: पढ़िये- 8 लुटेरे भाइयों का खूंखार कारनामा, लूट के दौरान करते थे महिलाओं के साथ दुष्कर्म

Bawariya Gang बावरिया के गैंग के ये सदस्य दिन में अन्य काम व रात में लूट की घटनाओं को अंजाम देते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 06:39 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 07:04 PM (IST)
Bawariya Gang: पढ़िये- 8 लुटेरे भाइयों का खूंखार कारनामा, लूट के दौरान करते थे महिलाओं के साथ दुष्कर्म
Bawariya Gang: पढ़िये- 8 लुटेरे भाइयों का खूंखार कारनामा, लूट के दौरान करते थे महिलाओं के साथ दुष्कर्म

ग्रेटर नोएडा [मनीष तिवारी]। Bawariya Gang:  भाइयों के समूह द्वारा विभिन्न क्षेत्र में सफलता के तमाम किस्से-कहानियां आप ने सुने होंगे। आठ बावरिया भाइयों का ऐसा समूह भी है, जिसने दिल्ली-एनसीआर के एक्सप्रेस-वे को लूट का ठिकाना बनाया हुआ है। यह गैंग पुलिस, एसटीएफ के साथ ही सीबीआइ के भी रडार पर है। हाल ही में एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में गैंग का एक सदस्य बबलू मारा जा चुका है। दिनेश एसटीएफ के हत्ये चढ़ गया है। मुन्ना व धर्म उर्फ हेमंत जेल में हैं। अन्य की तलाश जारी है।

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मूलरूप से जय विहार बापरौला नजफगढ़ (दिल्ली) के पास गैंग के सभी सदस्यों ने अपना बसेरा बनाया हुआ है। इसमें सगे व चचेरे भाई बबलू, धर्म उर्फ हेमंत, मुन्ना उर्फ अयान, अलय कालिया, बबलू, रामू, अनिल जूथरा, राजवीर शामिल हैं। खास बात है कि पूर्व में इनके पिता व चाचा सूरजपाल उर्फ सुरेश व रामपाल भी लूट की घटनाओं को अंजाम देते थे। गैंग के सदस्य दिन में अन्य काम व रात में लूट की घटनाओं को अंजाम देते हैं। एक-दो घटना को अंजाम देने के बाद कुछ समय के लिए शांत हो जाते हैं। लूटे गए माल से ही जीवन यापन करते रहते हैं। पैसा खत्म हो जाने के बाद फिर शिकार ढूंढ़ते थे। विरोध करने पर मारपीट के साथ दुष्कर्म और कुकर्म की घटनाओं को भी अंजाम देने से नहीं चूकते थे।

इनके द्वारा प्रमुख रूप से रात के वक्त एक्सप्रेस वे पर गुजरने वाले वाहनों को ही निशाना बनाया जाता था। एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार गाड़ियों को रोकने के लिए गैंग के सदस्य पहले वाहनों के एक्सल का प्रयोग करते थे। गाड़ी पर एक्सल फेंकते थे। चालक समझता था वाहन का कोई हिस्सा टूट कर गिरा है और वह रुक जाता था, जिसके बाद बदमाश लूट की घटना को अंजाम देते थे। एक्सल की घटना काफी चर्चा आई। लोग जागरूक हो गए। बाद में बदमाशों ने एक्सल फेंककर गाड़ी रोकनी चाही, लेकिन वह सफल नहीं हुए। जिसके बाद बदमाशों ने पिछले लगभग एक वर्ष से लोहे की कील को अपना हथियार बना लिया था। कील को सड़क के जोड़ वाले हिस्से में हथौड़ी से गाड़ देते थे। जैसे ही कोई वाहन उस पर से गुजरता था पंचर हो जाता था, बदमाश उसे अपना शिकार बनाते थे।

राजकुमार मिश्रा (एसपी एसटीएफ) का कहना है कि गैंग बनाकर भाइयों के द्वारा एक्सप्रेस वे पर लूट की घटनाओं को अंजाम दिया जाता था। गैंग का शातिर सदस्य बबलू कुछ सप्ताह पूर्व मुठभेड़ में मारा जा चुका है। तीन भाई जेल में बंद हैं। अन्य की तलाश चल रही है।


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