Noida School Fees Matter: स्कूलों ने फीस देने के लिए अभिभावकों पर बनाया दबाव, ऑनलाइन ग्रुप से किया छात्रों का बाहर
Noida School Fees Matter स्कूलों द्वारा उठाए जा रहे कदम का विरोध करते हुए शुक्रवार को गौतमबुद्धनगर पेरेंट्स वेल्फेयर सोसायटी (जीपीडब्ल्यूएस) के सहयोग से अभिभावकों ने सेक्टर - 50 स्थित एक निजी स्कूल के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और पोस्टर बैनर लेकर पहुंचे।
नोएडा [सुनाक्षी गुप्ता]। Noida School Fees Matter: कोरोना काल में आर्थिक मंदी से गुजर रहे जिले के अभिभावक लगातार स्कूलों से फीस में रियायत देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस बीच कहीं भी सुनवाई होती नहीं नजर आ रही है। इस बीच शहर के कई निजी स्कूल बच्चों को आनलाइन कक्षा से बाहर कर अभिभावकों पर फीस देने के लिए दबाव बना रहे हैं। स्कूलों द्वारा उठाए जा रहे कदम का विरोध करते हुए शुक्रवार को गौतमबुद्धनगर पेरेंट्स वेल्फेयर सोसायटी (जीपीडब्ल्यूएस) के सहयोग से अभिभावकों ने सेक्टर - 50 स्थित एक निजी स्कूल के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और पोस्टर बैनर लेकर पहुंचे।
अभिभावकों की मांग, जब स्कूल नहीं खुले तो क्यों ली जा रही पूरी फीस
गौतमबुद्धनगर पेरेंट्स वेल्फेयर सोसायटी के संस्थापक मनोज कटारिया ने बताया कि जहां एक तरफ सरकार यह स्वीकार तो करती है कि कोरोना काल और लॉकडाउन में अभिभावक आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं, लेकिन मानवता के नाते स्कूल फीस में रियायत देने के लिए तैयार नहीं है। आर्थिक स्थिति प्रभावित होने पर अभिभावक स्कूल की फीस भरने में असमर्थ रहे हैं जिसके कारण स्कूलों ने विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं भी बंद कर अमानवीय कार्य किया है, इसके खिलाफ शिक्षा विभाग और अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए।
जीपीडब्ल्यूएस के महासचिव पुनीष गुलाटी ने बताया कि आठ महीने से स्कूल बंद है ऐसे में स्कूल का कई व्यवस्थाओं में होने वाला खर्चा कम हुआ है, उसके उलट घर से बच्चों को पढ़ाने के लिए अभिभावकों को लैपटॉप, इंटरनेट और अन्य तकनीकी व्यवस्थाओं का इंतजाम करने में खर्चा बढ़ा है। इस स्थिति को ध्यान से देखा जाए तो स्कूलों के पूरी फीस न लेकर फीस में रियायत देनी चाहिए ताकी अभिभावक बच्चों की पढ़ाई का खर्चा निकाल सके।
शिक्षा के मंदिर में बच्चों के भविष्य के खिलवाड़
विद्यालय के अभिभावकों का कहना है कि हर किसी के लिए उनके बच्चे सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, उनके उज्जवल भविष्य के लिए अपनी सामर्थ्य से अधिक उनकी शिक्षा व्यवस्था पर धन राशि खर्च करते है। अभिभावकों की बच्चों के प्रति इस भावना का स्कूल अपना फायदा उठाना चाहता है और पूरी फीस वसूलना चाहते हैं। जीपीडब्ल्यूएस के उपाध्यक्ष अनुपम कुमार सिंह ने बताया कि स्कूल ने बच्चों की ऑनलाइन बंद कर दी गई, जिसके कारण बच्चे मानसिक तनाव में आ रहे हैं। स्कूल हमारी मजबूरी का गलत फायदा उठा रहा है। अभिभावक कोरोना के संक्रमण के डर के साथ-साथ बच्चों के भविष्य को लेकर तनावग्रस्त है। प्रदर्शन में जीपीडब्ल्यूएस के साथ धर्मेन्द्र नंदा, नवीन कुमार, किरन, ज्योति, मेघना, चंद्र प्रकाश, सौनिकराज, संदीप आदि उपस्थित रहे।
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