Metro Rail Coach: यूपी में होगा मेट्रो कोच का निर्माण, दिल्ली-NCR के युवाओं को मिलेगा रोजगार
Metro Rail Coach उत्तर प्रदेश में मेट्रो कोच निर्माण का यह पहला कारखाना होगा इससे यूपी की पूरे देश में धाक जमेगी।
ग्रेटर नोएडा [अरविंद मिश्रा]। Metro Rail Coach: दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर के जेवर क्षेत्र में बनने जा रहा जेवर इंटरनेशनल हवाई अड्डा (Jewar Inter National Airport) निवेश के कई और नए रास्ते भी खोलने जा रहा है। सबकुछ ठीक रहा और योजना फलीभूत हुई तो आने वाले समय में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो कोच का निर्माण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में मेट्रो कोच निर्माण का यह पहला कारखाना होगा, इससे यूपी की पूरे देश में धाक जमेगी। मेट्रो कोच का निर्माण शुरू करने के बाबत फैक्ट्री शुरू करने के लिए पहल करते हुए पीपीसीआई कंपनी ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) से 50 एकड़ जमीन मांगी है। इस बाबत कंपनी की ओर से प्रस्ताव भी बनाकर YEIDA के पास भेजा जा चुका है। इस पर अंतिम निर्णय प्राधिकरण अधिकारियों को लेना है। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलना तय है, क्योंकि इससे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश के रूप में एक और बड़ी कंपनी मिलने जा रही है। इस कंपनी के बाद संभव है कि तेजी से और कंपनियां यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताएं। यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर-32 में कारखाने के लिए भूमि आवंटन पर सहमति जताई है। मेट्रो कोच कारखाना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित होने से निवेश के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र में अधिकतर औद्योगिक भूखंड इलेक्ट्रॉनिक्स या हल्के उद्योगों के लिए आवंटित किए गए हैं। भारी उद्योग स्थापित होने से प्राधिकरण क्षेत्र में इसके लिए संभावनाओं के नए दरवाजे खुलेंगे। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने पर भूखंड आवंटन पर फैसला लिया जाएगा।
मेक इन इंडिया के तहत होगा मेट्रो कोच का निर्माण
मिली जानकारी के मुताबिक, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो कोच का निर्माण मेक इन इंडिया (Make in India) की तर्ज पर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मेक इन इंडिया को लगातार बढ़ावा देने की बात करते रहे हैं। ऐसे में मेट्रो कोच का यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निर्माण करना एक बड़ी शुरुआत होगी।
विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर की जाएगी इकाई स्थापित
बताया जा रहा है कि मेट्रो कोच का निर्माण तो मेक इन इंडिया के तहत होगा, लेकिन इसमें विदेशी कंपनियों की सहभागिता भी होगी। इनमें जर्मनी की एक नामी कंपनी भी शामिल होगी। यह कंपनी फिलहाल ट्रेक्शन सिस्टम के उपकरण का निर्माण करती है।
जल्दी से बढ़ेगी मेट्रो कोच की मांग
जिस तरह से देश के 2 दर्जन शहरों में मेट्रो संचालन की तैयारी जारी है, उससे मेट्रो कोच की जरूरत पड़ेगी। अब तक कोच विदेश से मंगाए जाते रहे हैं। देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण होने से न केवल विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि रोजगार भी पैदा होगा। संभव है आने वाले समय में भारत अन्य देशों को मेट्रो कोच का निर्यात भी शुरू कर दे।
लोगों को मिलेगा रोजगार
मेट्रो कोच फैक्ट्री लगने के साथ इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा होगी। अनुमान के मुताबिक, इसमें हजारों लोगों को सीधे-सीधे रोजगार मिलेगा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो कोच निर्माण होने के साथ प्राधिकरण क्षेत्र में भारी उद्योग की शुरुआत होगी। देश में मेट्रो का नेटवर्क बढ़ता जा रहा है।
बड़े शहरों में सुगम सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने के लिए मेट्रो का जाल बिछाया जा रहा है। प्रदेश के कई शहरों में भी मेट्रो का काम चल रहा है। शुरुआत में देश में मेट्रो कोच विदेश से मंगाए गए थे, लेकिन देश में अब तीन राज्यों गुजरात, कर्नाटक व तमिलनाडु में मेट्रो कोच का निर्माण हो रहा है। उत्तर भारत में मेट्रो कोच निर्माण का अभी कोई कारखाना स्थापित नहीं है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए खुशखबरी, जानें- कहां मिल रहा है सिर्फ 30 रुपये में सैनिटाइजर