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ग्रेटर नोएडा में शाहबेरी के फ्लैट खरीददारों का हंगामा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

ग्रेटर नोएडा में शाहबेरी के फ्लैट खरीददारों ने मंगलवार को प्राधिकरण के सामने जमकर प्रदर्शन किया। अंदर घुसने के प्रयास के बाद पुलिस ने इन लाठीचार्ज कर दिया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 11:47 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 11:06 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा में शाहबेरी के फ्लैट खरीददारों का हंगामा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
ग्रेटर नोएडा में शाहबेरी के फ्लैट खरीददारों का हंगामा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

ग्रेटर नोएडा, जेएनएन। ग्रेटर नोएडा में शाहबेरी के फ्लैट खरीददारों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने मंगलवार सुबह को प्रदर्शन शुरू कर दिया। फ्लैट खरीददार अपनी मांगों को लेकर हंगामा कर रहे थे। प्रदर्शन करने के दौरान ही खरीददारों ने प्राधिकरण में अंदर घुसने का प्रयास शुरू कर दिया।

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इस पर वहां मौजूद अधिकारियों को उन्‍हें अंदर जाने से रोका। इसके बाद बात नहीं बनती देख पुलिस ने खरीदारों पर लाठीचार्ज कर उन्‍हें रोकने के प्रयास में जुटी है।

इससे पहले ग्रेटर शाहबेरी के खरीदारों ने रविवार को बाइक रैली निकालकर आक्रोश जताया था। सैकड़ों मोटरसाइकिलों पर सवार शाहबेरी के खरीदारों ने नारेबाजी करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचे। खरीदारों ने प्राधिकरण व प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन की खास बात यह थी कि इसमें शाहबेरी की महिलाएं व बुजुर्ग भी शामिल हुए।

बता दें कि प्राधिकरण दस्ते द्वारा खाली इमारतों की सीलिंग करने की सूचना पर लोगों में आक्रोश है। महिलाओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि प्रशासन व प्राधिकरण को कार्रवाई करनी है तो बिल्डरों पर करें। हमें बेवजह परेशान न किया जाए।

क्‍यों हो रहा है हंगामा
ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में अवैध मकान पर प्रशासन सख्‍स है। इन्‍हें तोड़ने के लिए रणनीति भी तैयार हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सर्वे कर 1025 मकान व 428 दुकानें चिह्नित कर ली गई हैं। प्रशासन से लेकर शासन स्‍तर पर इसकी तैयारी और स्‍वीकृति मिल चुकी है। पहले यहां घरों में रहने वालों से खाली कराया जाएगा। फिर उसे ढहाया जाएगा।

इस कारण प्रशासन है सख्‍त
बीते साल जुलाई में शाहबेरी में दो बिल्डिंग ढह गई थी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि बिल्डिंग ढहने के पीछे सबसे बड़ी वजह गुणवत्ता खराब होना था। उसके बाद बिल्डिंग बनाने वाले आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई।


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