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सीएसआर फंड से बदल रही परिषदीय स्कूलों की तस्वीर, अब स्मार्ट क्लास जैसी मिल रही सुविधा

कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड की मदद से शहर और देहात के क्षेत्र में मौजूद स्कूलों की तस्वीर बदलती जा रही है। कई कंपनियां अपने सीएसआर फंड का उपयोग जर्जर परिषदीय स्कूलों के भवनों के निर्माण और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कर रही हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 08:50 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 08:50 PM (IST)
सीएसआर फंड से बदल रही परिषदीय स्कूलों की तस्वीर, अब स्मार्ट क्लास जैसी मिल रही सुविधा
बच्चों को निजी स्कूल की तरह सभी सुविधाएं मिल रही है।

ग्रेटर नोएडा [अंकुर त्रिपाठी]। आमतौर पर परिषदीय स्कूलों की छवि टूटी फूटी बिल्डिंग, जमीन पर बैठ कर पढ़ाई कर रहे बच्चे और स्कूल में फैली अव्यवस्था होती है, लेकिन प्रदेश की शो विंडो कहे जाने वाले गौतमबुद्ध नगर में परिषदीय स्कूलों की पहचान अत्याधुनिक सुविधाओं से हो रही है। निजी स्कूलों की तरह जिले के परिषदीय स्कूलों के बच्चों को भी स्मार्ट क्लास रूम, साइंस लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, खेल के मैदान के साथ ही अन्य सुविधाएं मिल रही हैं।

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सीएसआर फंड की मदद से बदल रही स्कूलों की तस्वीर

कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड की मदद से शहर और देहात के क्षेत्र में मौजूद स्कूलों की तस्वीर बदलती जा रही है। कई कंपनियां अपने सीएसआर फंड का उपयोग जर्जर परिषदीय स्कूलों के भवनों के निर्माण और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कर रही हैं। नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले 73 स्कूलों में से 58, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 157 में से 97 और यमुना प्राधिकरण के 117 में से 79 स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों की तस्वीर बदल रही है।

बदल रही मानसिकता

स्कूलों की सूरत बदलने के साथ अभिभावकों की परिषदीय स्कूलों के प्रति मानसिकता भी बदल रही है। पहले अभिभावकों के दिमाग में जो परिषदीय स्कूलों की छवि होती थी। वह कहीं- न -कहीं बदलती जा रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं के मिलने से बच्चों का विकास भी तेजी से हो रहा है।

निजी स्कूलों की तरह मिल रही सुविधाएं

शिक्षकों का कहना हैं कि कायाकल्प योजना के बाद स्कूलों में बच्चों को निजी स्कूल की तरह सभी सुविधाएं मिल रही है, जिससे बच्चों की संख्या में भी इजाफा आया हैं। कायाकल्प की देखरेख के लिए लोकोपकार समिति का गठन किया गया है, जिसमें समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी, सदस्य मुख्य विकास अधिकारी, जिला खेल कूद अधिकारी, डायट प्राचार्य होते हैं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी समिति में सदस्य सचिव होता है।

19 पैरामीटर पर खर्च होती हैं राशि

कायाकल्प योजना के अंतर्गत कंपनियां सीएसआर फंड को 19 पैरामीटर्स पर खर्च करती है। इन पैरामीटर्स में शुद्ध पेय जल की सुविधा, ब्लैक बोर्ड की सुविधा, फर्नीचर की सुविधा, शौचालय, नल जल की सुविधा, रंगाई पुताई, साइंस लैब,लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, खेल के मैदान आदि पैरामीटर्स शामिल हैं।

इन स्कूलों में हुआ सीएसआर फंड से कार्य

प्राथमिक विद्यालय लुहारली में लाइब्रेरी,प्राथमिक विद्यालय चिटहेरा में साइंस लैब,प्राथमिक विद्यालय जगनपुर में स्मार्ट क्लासेस,प्राथमिक विद्यालय हरौला में हाईटेक शौचालय,प्राथमिक विद्यालय शाहपुर में बास्केटबाल कोर्ट और इटेड़ा में मिनी स्पोर्ट्स खेल का मैदान, प्राथमिक विद्यालय वैदपुरा, कंपोजिट विद्यालय पाली, उच्च प्राथमिक विद्यालय गढ़ी शाहदरा में भवन के निर्माण के साथ अन्य स्कूलों में सीएसआर फंड से कई कार्य कराए जा रहे है।

हो रहा नए भवन का निर्माण 

सीएसआर फंड की मदद से स्कूलों में नए भवन के निर्माण के साथ कई कार्य कराए जा रहे है। कायाकल्प योजना से स्कूलों की तस्वीर भी बदल रही हैं।

ऐवर्श्या लक्ष्मी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


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