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Noida Air Pollution News: औद्योगिक नगरी नोएडा-ग्रेनो की फिजा लगातार हो रही खराब

Noida Air Pollution News दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-62 स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के मानिटरिंग स्टेशन के मुताबिक नोएडा में शुक्रवार सुबह 10 बजे पीएम-2.5 का औसत स्तर 306 व अधिकतम स्तर 452 दर्ज किया गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 11:53 AM (IST)
Noida Air Pollution News: औद्योगिक नगरी नोएडा-ग्रेनो की फिजा लगातार हो रही खराब
लगातार दूसरे दिन नोएडा की हवा बहुत खराब श्रेणी में है।

नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। दिल्ली से सटे नोएडा में भी वायु प्रदूषण को लेकर हालात बेहद गंभीर होते जा रहे हैं। दिल्ली में जहां वायु गुणवत्ता स्तर 300 के पार है, तो नोएडा सेक्टर-62 स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के मानिटरिंग स्टेशन के मुताबिक नोएडा में शुक्रवार सुबह 10 बजे पीएम-2.5 का औसत स्तर 306 व अधिकतम स्तर 452 दर्ज किया गया है।

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वहीं पीएम-10 का औसत स्तर 232 व अधिकतम स्तर 392 दर्ज किया गया,  जबकि नॉलेज पार्क-5 स्थित उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के मानिटरिंग स्टेशन के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा में पीएम-2.5 का औसत स्तर 303 व अधिकतम स्तर 44 दर्ज किया गया। पीएम-10 का औसत स्तर-292 व अधिकतम स्तर 442 दर्ज किया गया। इस दौरान दोनों शहरों की हवा लगातार दूसरे दिन हवा बहुत श्रेणी में रही है।

शुक्रवार सुबह शहर प्रदूषण की चादर से लिपटा दिखाई दिया, लेकिन सूरज निकलने के बाद मौसम साफ होने लगा है। मौसम विज्ञानी के अनुसार शुक्रवार सुबह हवा की उत्तर पश्चिम रही है। यह करीब पांच किलोमीटर के आसपास रही है। उधर न्यूनतम तापमान भी सात डिग्री के करीब दर्ज किया गया है। यह सीजन का सबसे कम तापमान है, जो सामान्य से लगभग पांच डिग्री कम है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि प्रदूषण की रोकथाम संबंधित लगातार कदम उठाए जा रहे है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं प्राधिकरण की एक टीम सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रही है।

उधर, जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. संतराम ने बताया कि ठंड में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ना स्वभाविक है। इस दौरान वायुमंडल में नमी होने से से धूल कण अधिक ऊपर नहीं जा पाते। अति सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ने से प्रदूषण बढ़ने लगता है। 

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