Move to Jagran APP

स्वच्छता में नोएडा को नंबर-1 बनाना लक्ष्य, Exclusive Interview में बोलीं नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी

नोएडा को स्वच्छ शहर बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्राधिकरण अधिकारी-कर्मचारी सहित जनभागीदारी मिल रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 10:38 AM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 02:51 PM (IST)
स्वच्छता में नोएडा को नंबर-1 बनाना लक्ष्य, Exclusive Interview में बोलीं नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी
स्वच्छता में नोएडा को नंबर-1 बनाना लक्ष्य, Exclusive Interview में बोलीं नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी

नोएडा। विभिन्न श्रेणियों में 4400 शहरों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 हुआ है। 10 लाख आबादी की श्रेणी में नोएडा ने हिस्सा लिया। अभी ऑल इंडिया रैंकिंग जारी होनी बाकी है, लेकिन हमारे शहर की आबादी दस लाख से अधिक है। चूंकि सेंसेक्स वर्ष 2011 का है, नया होता तो हम उन 47 शहरों की सूची में होते, जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है। हालांकि अगली प्रतिस्पर्धा लिए अभी से कमर कस चुके हैं। सर्वेक्षण में अव्वल आने में जो कमियां रह गईं, उनको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जिन पुरानी चीजों में सुधार किया गया है, उसको स्थिर रखने का प्रयास जारी है। यही नहीं, उन बिंदुओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है, जिसके बल पर इंदौर कई बार स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम स्थान हासिल कर चुका है। ऐसे ही तमाम योजनाओं एवं बिंदुओं पर नोएडा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी से दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता कुंदन तिवारी ने चर्चा की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...।

loksabha election banner

 प्राधिकरण का अगला लक्ष्य क्या है?

-नोएडा को स्वच्छ शहर बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्राधिकरण अधिकारी-कर्मचारी सहित जनभागीदारी मिल रही है। इसी का परिणाम है कि कचरा मुक्त शहर बनाने में थ्री स्टार रेटिंग, स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल हुआ। वहीं, देश में शहर को 25वां स्थान मिला। खुशी है, लेकिन हमारा मकसद नोएडा को देश में प्रथम स्थान पर पहुंचाना है।

प्राधिकरण लैंड बैंक क्यों तैयार कर रहा है?

-नोएडा में जमीन की उपलब्धता लगभग समाप्त हो चुकी है। शहर का अधिकांश हिस्सा पुराना हो चुका है। वह रखरखाव की श्रेणी में आ चुका है। शहर को विस्तार देना भी आवश्यक है। इसके लिए लैंड बैंक की आवश्यकता है। करीब 500 एकड़ जमीन लेकर इंटीग्रेटेड इंडस्टियल टाउनशिप विकसित करने की योजना पर काम चल रही है।

क्या औद्योगिक विस्तार की आवश्कता है?

-नोएडा औद्योगिक नगरी है, हालांकि अब यहां पर रिहायशी भी बड़े पैमाने में हो चुकी है, लेकिन यहां बहुत सी पुरानी इकाइयां लगी है। तमाम इकाइयों को विस्तार देने की आवश्यकता है, जिसका प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में सरकार की पारदर्शी प्रक्रिया के सहयोग से औद्योगिक भूखंड योजना में भूखंडों का आवंटन कराया गया है। इसमें देखने को मिला कि महज 92 औद्योगिक भूखंड के लिए 5500 आवेदन आए।

राजस्व संकट से उभरने की क्या योजना है?

पुरानी देयता आ नहीं रही है। कोरोना संकट की वजह से यह दयनीय स्थिति में है। प्राधिकरण का अपना लैंड बैंक खत्म होता जा रहा है। राजस्व बढ़ाने के तमाम स्त्रोत पर काम चल रहा है। ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण से बकाया मांगा जा रहा है। बकाया नहीं मिलने पर जमीन की मांग की गई है, जिस पर चेयरमैन की ओर से इस बोर्ड बैठक में तमाम सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा हुई। इसे अमल में लाने की बात कही गई है।

किसानों के विवाद हल क्यों नहीं हो पा रहे है?

-किसानों के कई प्रकार के मामले प्राधिकरण में है, जिन्हें हल कराया जा रहा है। पांच फीसद विकसित भूखंड, मुआवजा, आबादी छोड़ने संबंधी, विकास कार्य के मामले है। मेरे कार्यकाल में 255 विकसित भूखंड दिए जा चुके हैं। तमाम किसान जमीन नहीं होने पर नकद राशि भी ले चुके हैं। हाल ही में उनका नकद मुआवजा भी बढ़ा गया है। आबादी के मामले पर 95 फीसद मामलों का निस्तारित हो चुका है।

विकास कार्यों को लेकर कौन-कौन सी योजना चल रही हैं?

-नोएडा में विकास कार्यों की गति काफी तेज है। विगत वर्ष में तमाम ऐसी परियोजनाएं थी, जिन्हें पूरा कराया गया है। तमाम लंबित परियोजनाओं पर काम शुरू कराया गया है। मौजूदा समय में दो एलिवेटेड, पांच अंडरपास, शहीद भगत सिंह पार्क निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा नये गोल्फ कोर्स का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। हेलीपोर्ट की डीपीआर राइट्स की ओर से तैयार कराई जा रही है। हैबीटेट एवं कंवेंशन सेंटर का फिर से टेंडर जारी हुआ है।

क्या सभी सुविधाओं को प्राधिकरण ने ऑनलाइन किया है?

-नोएडा प्राधिकरण में आम आदमी से जुड़ी सभी सुविधाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है। म्युटेशन (दाखिला-खारीज), मार्गेज परमिशन (बंधक की अनुमति) समेत कई सुविधाएं लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं। चूंकि कोविड के दौरान लोगों को कार्यालय आने पर रोक लगा दी थी, लेकिन सुविधा को जारी रखा गया। जल्द ही कार्यालय पर आने के लिए लोग को सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। तमाम शिकायत ऑनलाइन पर दुरुस्त नहीं हो सकती हैं।

हैबीटेड सेंटर की योजना पूरी होने में क्या अड़चन है?

-हैबीटेड एवं कंवेंशन सेंटर की योजना काफी पुरानी है, लेकिन अब इस योजना को फाइल से निकाल कर टेंडर तक लाया गया है। योजना 800 करोड़ रुपये की है। कोशिश की जा रही है कि प्रथम चरण में इसका काम डेढ़ साल में पूरा कर लिया जाए।

नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाद हेलीपोर्ट की आश्यकता क्यों है?

-एयरपोर्ट होने के बाद हेलीपोर्ट की महत्ता बढ़ जाती है। नोएडा सहित दिल्ली एनसीआर में बहुत से लोग हैं, जो हेलीपोर्ट की सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं। हेलीपोर्ट को धार्मिक पर्यटन से जोड़ने की योजना है। जिससे लोग यहां से चार धाम, अमरनाथ सहित अन्य यात्र का लाभ उठा सकें।

नोएडा की नाइट लाइफ कमजोर क्यों है?

-युवाओं की दृष्टि से नोएडा की नाइट लाइफ भले ही गुरुग्राम के मुकाबले कमजोर हो, लेकिन संसाधन के मुकाबले नोएडा कहीं पीछे नहीं है। यहां पर सेक्टर-18 मार्केट सिटी सेंटर, गार्डन गेलेरिया जैसे तमाम ऐसे स्थान है, जो गुरुग्राम के मुकाबले काफी बेहतर है। हां, इतना अवश्य है कि गुरुग्राम में साइबर सिटी काफी बड़े क्षेत्र में बनी हुई है। 

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.