नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने लिखा पत्र, हालमार्किंग से जुड़ी समस्याओं का समाधान करे केंद्र सरकार
Gold Hallmarking Mandatory Issues पत्र में कहा गया है कि समूचे देश में सिर्फ 966 हालमार्क सेंटर हैं और इनमें से सिर्फ 88 के लाइसेंस निरस्त हैं। ऐसे में सभी कार्यरत 878 सेंटर पूरी क्षमता के साथ रोजाना 500 पीस भी हालमार्क करें तो 439000 पीस प्रतिदिन हालमार्क हो पाएंगे।
नई दिल्ली/नोएडा [कुंदन तिवारी]। सोने के आभूषणों की अनिवार्य हालमार्किंग के गैरजरूरी नियमों से सराफा व्यापारी बहुत परेशान हैं। पिछले सप्ताह 23 अगस्त को सर्राफा व्यापारियों ने दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में हड़ताल करके अपना जबरदस्त विरोध जताया था। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण परिषद (जीजेसी) की अगुवाई में 350 संगठनों ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार से नियमों में बदलाव करने की गुहार लगाई है। इसी कड़ी में सुशील कुमार जैन (महासचिव, नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन) ने पीयूष गोयल (केंद्रीय मंत्री, (वाणिज्य उद्योग एवं उपभोक्ता मामले) को पत्र लिखकर हालमार्किंग और उससे जुड़ी समस्या से अवगत कराते हुए इसके निदान की मांग की है
पत्र में कहा कि गया है कि कुछ लोगों का समूह खुद को नेशनल टास्कफ़ोर्स बता कर केंद्र सरकार को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। यह समूह एक्ट की धारा 17 से मैन्युफैक्चर शब्द हटाने की मांग कर रहा है। इसके साथ इस समूह का कहना है कि धारा 15 से बिक्री के लिए प्रदर्शन और वितरण शब्द को भी हटा दिया जाए। यदि केंद्र सरकार ने समूह की मांग मान ली तो एक्ट का समूल नाश हो जाएगा। नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह समूह की बात को नहीं माने।
पत्र में कहा गया है कि समूचे देश में सिर्फ 966 हालमार्क सेंटर हैं और इनमें से सिर्फ 88 के लाइसेंस निरस्त हैं। ऐसे में सभी कार्यरत 878 सेंटर पूरी क्षमता के साथ रोजाना 500 पीस भी हालमार्क करें तो 439000 पीस प्रतिदिन हालमार्क हो पाएंगे। जाहिर है कि ऐसे में 96367 ज्वेलर्स को प्रति ज्वेलर्स बिक्री के लिए 5 पीस भी हालमार्क हो कर नहीं प्राप्त होंगे।
नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह सेक्शन 15और 17 में मांगे गए बदलाव को किसी भी हाल में स्वीकृति न प्रदान करें। इसके साथ कम हालमार्क सेंटर के चलते व्यापार करना भी मुश्किल हो जाएगा।