पटाखे चलाने की घटनाओं से नोएडा-ग्रेटर नोएडा की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंची
नोएडा-ग्रेटर नोएडा वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है। लगातार दूसरे दिन प्रदूषण गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। पटाखे से हुए प्रदूषण से नोएडा शहर धुंध की चादर से लिपटा नजर आ रहा है। न्यूनतम दृश्यता भी 500 मीटर से कम ही दर्ज की गई है।
जागरण संवाददाता, नोएडा। दीपावली पर पटाखे चलाने की घटनाओं ने एक बार फिर से वातावरण को प्रदूषित किया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के सेक्टर-1 स्थित मानिटरिंग यंत्र के मुताबिक नोएडा में रविवार सुबह सुबह 10 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 468 दर्ज किया गया है। वहीं यूपीपीसीबी के नालेज पार्क स्थित मानिटरिंग यंत्र के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में एक्यूआइ-444 दर्ज किया गया।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है। लगातार दूसरे दिन प्रदूषण गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। पटाखे से हुए प्रदूषण से नोएडा शहर धुंध की चादर से लिपटा नजर आ रहा है। न्यूनतम दृश्यता भी 500 मीटर से कम ही दर्ज की गई है। धूप निकलने के बाद भी आसमान में प्रदूषण साफ तौर पर देखा गया। सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली में एक्यूआइ-463, गुरुग्राम में 420, फरीदाबाद में 442, गाजियाबाद में 498 दर्ज किया गया। ऐसे में नोएडा बुधवार सुबह गाजियाबाद के बाद एनसीआर में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा है। गौरतलब है कि दीपावली से पहले नोएडा में एक्यूआइ बहुत खराब श्रेणी में था।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीन कुमार ने बताया कि प्रदूषण की स्थिति शहर गंभीर श्रेणी में है। चोरी छिपे पटाखे चलाने की घटनाओं से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। कंस्ट्रक्शन साइट से उड़ने वाले धूल, वाहनों से निकलने वाला धुआं व पंजाब, हरियाणा राज्य में जलाई जा रही पराली का धुआं भी वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे है, लेकिन यदि तेज हवा चलती है या बारिश होती है तो प्रदूषण छंटने में ज्यादा आसानी होगी।
सफर के मुताबिक अगले दो दिन मौसम ऐसा ही बना रहेगा। पटाखे चलाने की घटनाओं से हवा में अति सूक्ष्म कणों की मात्रा अभी अधिक रही। नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (एनओ-2), अमोनिया (एनएच-3), कार्बन डाइ आक्साइड (सीओ-2) व कार्बन मोनो आक्साइड (सीओ) का औसत से कई गुना अधिक रहा। जिला अस्पताल के नेत्र सर्जन डॉ. पंकज त्रिपाठी ने बताया कि प्रदूषण के कारण धूल कण वातावरण में नमी होने के कारण वातावरण की निचली परत में ही रहते हैं। इससे यह आंखों में धूल कण चुभते हैं साथ ही बहुत तेज जलन होती है। अस्पताल में आंखों के मरीज बढ़ हैं। वहीं फिजीशियन डॉ. संतराम ने बताया कि पटाखों के चलते से बढ़ा हुआ प्रदूषण सांस रोगियों के लिए खतरनाक है। इससे लिए सांस संबंधित रोगी सावधानी बरते।
देर शाम बारिश की संभावना :
रविवार को न्यूनतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस के साथ सामान्य से दो डिग्री कम दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 74 फीसद दर्ज किया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के मुताबिक आज गरज चमक के साथ बारिश के आसार है। वहीं कल से फिर से प्रदूषण बढ़ने की संभावना है। वहीं स्काइमेट वेदर के मौसम विज्ञानी के अनुसार दिल्ली और एनसीआर के कुछ जगहों पर आज वर्षा देखने को मिल सकती है। इससे तापमान में गिरावट और प्रदूषण से राहत की उम्मीद है
रविवार को प्रदूषक तत्वों की स्थिति :
प्रदूषक तत्व, औसत, न्यूनतम, अधिकतम
पीएम-2.5, 468, 414, 500
पीएम-10, 430, 307, 500
नाइट्रोजन डाइ-आइक्साइड (एनओ-2), 113, 69, 158
अमोनिया (एनएच-3), 25, 17, 28
सल्फर डाइ-आक्साइड (एसओ-2),11, 8, 14
कार्बन मोनोआक्साइड (सीओ), 120, 65, 145
ओजोन, 28, 13, 38
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