Move to Jagran APP

लाखों फ्लैट खरीदारों के लिए राहत की खबर, नोएडा-ग्रेटर नोएडा में एग्रीमेंट टू सबलीज से पाएं मालिकाना हक

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में लागू एग्रीमेंट टू सब लीज के समय पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन शुल्क और फिर सेल डीड के समय दोबारा पंजीकरण शुल्क खरीदारों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। फ़रवरी 2020 में प्रदेश सरकार ने प्रॉपर्टी पर रजिस्ट्रेशन शुल्क बढ़कर प्रॉपर्टी का 1 फीसद कर दिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 09:17 AM (IST)
लाखों फ्लैट खरीदारों के लिए राहत की खबर, नोएडा-ग्रेटर नोएडा में एग्रीमेंट टू सबलीज से पाएं मालिकाना हक
जिला प्रशासन ने घर खरीदारों की सुविधा के लिए एग्रीमेंट टू सब लीज का विकल्प लागू किया है।

नोएडा [कुंदन तिवारी]। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आज भी हजारों घर खरीदार अपने घर में रहते हुए भी घर की रजिस्ट्री के लिए भटक रहे हैं, क्योकि बिल्डर से जुड़ा बकाया होने और आधा अधूरा विकास होने की वजह से प्राधिकरण रजिस्ट्री की अनुमति नहीं दे रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन ने घर खरीदारों की सुविधा के लिए एग्रीमेंट टू सब लीज का विकल्प लागू किया है। इसके तहत घर खरीदार अपने घर की कीमत का 5 फीसद स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क चुकाकर मालिकाना हक़ हासिल कर सकें। इसके लिए प्राधिकरण की अनुमति नहीं लेनी होगी।

prime article banner

उदाहरण के तौर पर यदि आप सेक्टर-79 में घर खरीदने वाले हैं, तो आपको प्रॉपर्टी एग्रीमेंट टू सबलीज ही करनी पड़ेगी, क्योंकि स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर विकास आज भी मुख्य बिल्डर द्वारा नहीं हुआ है। प्राधिकरण सेक्टर के प्रॉपर्टीस की रजिस्ट्री की अनुमति नहीं दे रहा, जबकि तमाम बिल्डर अपना प्रोजेक्ट पूरा कर चुके हैं, वह घर खरीदारों को एग्रीमेंट टू सबलीज के जरिये मालिकाना हक़ दिला रहे हैं।

फ्लैट खरीदारों के हित में है एग्रीमेंट टू सबलीज

एग्रीमेंट टू सबलीज की क़ानूनी तरीके से फाइनल रजिस्ट्री के बराबर ही मान्यता है, क्योंकि खरीदार सरकार को स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क दोनों ही अदा करता है। कुल मिलाकर प्राधिकरण और बिल्डर के बीच फंसे घर खरीदारों को बचाने के लिए प्रशासन एग्रीमेंट टू सबलीज की सुविधा लेकर आया है।

दोहरा पंजीकरण शुल्क से जिले के घर खरीदार परेशान

बिल्डरों की देनदारी खत्म होने के इंतजार से बचने और अपने घर का कानूनी हक़दार बनने के लिए घर खरीदारों ने एग्रीमन्ट टू सब लीज का रास्ता अपना लिया, जिससे प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की प्रक्रिया चलने लगी और राजस्व भी आने लगा। इस व्यस्वस्था के तहत भविष्य में बिल्डर के बकाया भुगतान के बाद जब भी प्रॉपर्टी का सेलडीड या फाइनल सबलीज होगा उस समय घर खरीदार केवल 100 रुपये का स्टाम्प पेपर और दोबारा फिक्स रजिस्ट्रेशन शुल्क, 20,000 रुपये जमा करके कागजी प्रक्रिया पूरा कर लेंगे।

वहीं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लागू एग्रीमेंट टू सब लीज के समय पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन शुल्क और फिर सेल डीड के समय दोबारा पंजीकरण शुल्क देना घर खरीदारों के लिए बड़ी समस्या बन गया है, क्योंकि फ़रवरी 2020 में प्रदेश सरकार ने प्रॉपर्टी पर रजिस्ट्रेशन शुल्क बढ़कर प्रॉपर्टी का 1 फीसद कर दिया है, जिससे 20 लाख से ऊपर की प्रॉपर्टी के खरीदारों पर दोहरी मार पड़ने लगी और खरीदारों ने एग्रीमेंट टू सब लीज कराना बंद कर दिया। इसके वजह से बड़ी संख्या में घर खरीदार अपने घरों की रजिस्ट्री नहीं करा रहे, जिसका नुकसान राजस्व के रूप में भी हो रहा है।

क्रेडाई वेस्टर्न यूपी सचिव सुबोध गोयल ने बताया कि इस दोहरी प्रक्रिया से होम बायर्स का बहुत बड़ा तबका एग्रीमेंट टू सब लीज नहीं कराने के लिए प्रेरित होता है, जिससे घरो की बिक्री के साथ-साथ सरकारी राजस्व की भी हानि होती है। इसके लिए हमने सितंबर माह में जिला प्रशासन को लिखित में एग्रीमेंट टू सब लीज के समय रजिस्ट्रेशन शुल्क को कम से कम करने का अनुरोध किया था, जिससे राजस्व के नुक्सान को कम करने के साथ प्रॉपर्टी के रजिस्ट्री के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में औसतन प्रॉपर्टी की कीमत 35 से 80 लाख तक है और इन पर एक फीसद का रजिट्रेशन शुल्क 35,000 से 80,000 आएगा, जो किसी के लिए भी दो बार देना आसान नहीं है। ऐसे में रजिस्ट्री व स्टांप विभाग ने इसे संज्ञान में लेते हुए प्रशासन को एक प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है, जिससे सबलीज के समय रजिस्ट्री शुल्क को कम किया जा सके। निराला वर्ल्ड के सुरेश गर्ग ने बताया कि ऐसे बिल्डर गिनती के हैं जिनके प्राधिकरण की सभी देनदारी पूरी हो। एक आम ख़रीदार के लिए यह पता लगाना मुश्किल होता और ऐसे में प्रशासन को घर खरीदार के हितों को देखना चाहिए।

एसके त्रिपाठी (एआइजी स्टांप, नोएडा निबंधन विभाग) का कहना है कि एग्रीमेंट टू सबलीज करने के बाद सेलडीड या सबलीज कराते समय दोबारा रजिट्रेशन शुल्क न लगे इसके लिए इसके लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। इसके मंजूरी होने के बाद प्रॉपर्टी खरीदारों को समस्या नहीं होगी।

रूपक जैन (कंसलटेंट, रियल एस्टेट सेक्टर) के मुताबिक, व्यावहारिक तौर पर एग्रीमेंट टू सब लीज करते हुए प्रॉपर्टी खरीदार प्रशासन को निर्धारित स्टाम्प शुल्क और प्रॉपर्टी रेजिट्रेशन शुल्क दोनों दे देता है। जिस तरह से एक प्रॉपर्टी लिए स्टाम्प ड्यूटी एक बार ली जा रही है वैसे ही रजिस्ट्रेशन शुल्क भी एक बार ही लेना चाहिए।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.