Good news: यूपी में जोड़े जाएंगे 2 बड़े एक्सप्रेस-वे, देशभर के लाखों यात्रियों को होगा लाभ
यमुना एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। Good News: यमुना एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। इससे पहले यमुना प्राधिकरण किसानों को 64.7 फीसद मुआवजा वितरित करेगा। प्राधिकरण ने किसानों की सूची जिला प्रशासन के पास सत्यापन के लिए भेजी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सूची में शामिल किसानों को एसआइटी की जांच में क्लीन चिट मिल चुकी है। दोनों एक्सप्रेस-वे के बनने से रोजाना लाखों यात्रियों को इससे लाभ होगा।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ाने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे पर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को इंटरचेंज बनाकर जोड़ने का फैसला लिया गया था। यह इंटरचेंज यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जगनपुर अफजलपुर गांव के समीप बनेगा। इसके लिए करीब 57 हेक्टेयर जमीन पर यमुना प्राधिकरण पहले ही किसानों से कब्जा ले चुका है। हालांकि करीब 89 हेक्टेयर जमीन पर इंटरचेंज बनेगा। शेष जमीन प्राधिकरण की है। अभी दोनों एक्सप्रेस-वे एक-दूसरे के ऊपर से गुजर रहे हैं। इंटरचेंज का निर्माण करने वाली एजेंसी का भी चयन हो चुका है।
कुल खर्च आएगा 80 करोड़ रुपये
बताया जा रहा है कि निर्माण पर 80 करोड़ रुपये खर्च होंगे और एजेंसी को 18 माह में निर्माण कार्य पूरा करना होगा। इंटरचेंज बनने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के जिलों से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी।
मुआवजे को लेकर फंसा है पेच
किसानों को मुआवजे को लेकर मामला फंसा है। किसानों ने चेतावनी दी थी कि जब तक उन्हें 64.7 फीसद मुआवजे का वितरण नहीं होगा, वह निर्माण कार्य शुरू नहीं होने देंगे। इसे लेकर किसानों ने धरना भी दिया था। अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया था। प्राधिकरण ने किसानों की सूची जिला प्रशासन को सत्यापन के लिए भेजी है। जगनपुर अफजलपुर समेत यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र के तीन गांवों में जमीन को लेकर चकबंदी घोटाला हुआ था। इसमें तत्कालीन चकबंदी अधिकारी एवं कई अन्य लोगों के खिलाफ मामले भी दर्ज हुए थे। शासन ने मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया था। जांच का कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक दस्तावेजों को दुरुस्त नहीं किया गया है। इसलिए प्राधिकरण ने किसानों की सूची प्रशासन को सत्यापन के लिए भेजी है।
डॉ. अरुणवीर सिंह (सीईओ यमुना प्राधिकरण) के मुताबिक, किसानों की सूची सत्यापन के लिए प्रशासन को भेजी गई है। सत्यापन कार्य होने के बाद किसानों को मुआवजा वितरण एवं इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।