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कपड़े से पॉलीथिन का जहर छान रहीं शैल माथुर, बनीं हजारों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत

घर के बाहरी हिस्से के अलावा भीतर भी खूबसूरत पौधे विभिन्न प्रकार के गमलों में लगे हैं। उनके पास 100 से अधिक अलग-अलग प्रजातियों के पौधे हैं। इसमें पीस लिली फोनिक्स पाम बेम्बू पाम चंदन केवड़ा गुलाब जामुन आदि के पौधे शामिल हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 01:43 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 01:43 PM (IST)
कपड़े से पॉलीथिन का जहर छान रहीं शैल माथुर, बनीं हजारों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत
पालीथिन का प्रयोग न करने को कर रही प्रेरित

नोएडा [पारुल रांझा]। बदले हम तस्वीर जहां की, सुंदर सा एक दृश्य बनाएं, संदेश यह सब तक पहुंचाए, आओ मिलकर पर्यावरण बचाए...। इन्ही पंक्तियों को साकार करने में जुटी हैं नोएडा सेक्टर-55 निवासी शैल माथुर। पिछले करीब छह वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रही शैल माथुर अब तक दस हजार से अधिक कपड़े के थैले बांट चुकी हैं। शहर के बाजारों से दो हजार किलो पालीथिन इकट्ठा कर चुकी हैं।

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यही कारण है कि आज वह अपने कार्यों के चलते दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। उन्हीं के प्रयासों से सेक्टर-55-56 का साप्ताहिक बाजार पूरी तरह से पालीथिन मुक्त हो चुका है। यहां पालीथिन पर प्रतिबंध लगने के बाद ग्राहक सामान रखने के लिए अपने घरों से थैला लेकर आते है।

पालीथिन का प्रयोग न करने को कर रही प्रेरित

ट्री संस्था (टेकिंग रिस्पांसिबिलिटी अर्थ एंड इनवायरमेंट) की संस्थापक शैल माथुर बताती हैं कि पर्यावरण संरक्षित करने को गोष्ठियों और सेमिनारों की जरूरत नहीं है बल्कि जिन चीजों से पर्यावरण को नुकसान पहुंचे, उनपर रोक लगाई जानी चाहिए। इसलिए उन्होंने पालीथिन के खिलाफ अभियान शुरू किया। वह शहर के प्रमुख बाजारों में जाकर दुकानदारों और ग्राहकों को पालीथिन का प्रयोग न करने को प्रेरित करती हैं। अपने घर से कपड़े के थैले लेकर जाती हैं और दुकानदारों से पालीथिन लेकर बदले में कपड़े के थैले दे देती हैं। इसके अलावा आसपास के लोगों को वृक्ष लगाने व साफ-सफाई रखने का संदेश देते हैं।

सभी साप्ताहिक बाजारों को पालीथिन मुक्त करना बना लक्ष्य

पर्यावरण के लिए कुछ करने की इच्छा शक्ति और दृढ़ निश्चय रखने वाली शैल माथुर का प्रकृति प्रेम उनके आशियाने को देखकर ही झलकता है। चौखट लांघते ही ऐसा अनुभव होता है कि पांव किसी खूबसूरत बगिया में पड़ गए। उन्होंने अपने घर को विविध फूल, फलदार व वायु शोधक (एयर प्यूरीफायर) पौधों से आच्छादित कर रखा है।

घर के बाहरी हिस्से के अलावा भीतर भी खूबसूरत पौधे विभिन्न प्रकार के गमलों में लगे हैं। उनके पास 100 से अधिक अलग-अलग प्रजातियों के पौधे हैं। इसमें पीस लिली, फोनिक्स पाम, बेम्बू पाम, चंदन, केवड़ा, गुलाब जामुन आदि के पौधे शामिल हैं। वहीं, गेट के बाहर बच्चों द्वारा चित्रकारी कर बनाए गए बैनर, जो प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने का संदेश दे रहे है। उनका लक्ष्य जिले के सभी साप्ताहिक बाजारों को पूरी तरह से पॉलीथिन मुक्त कराना है।


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