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Jewar Inter International Airport: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भारत करेगा चीन की बराबरी

Jewar Inter International Airport जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पांच रनवे के निर्माण संबंधी व्यावहारिकता रिपोर्ट पीडब्ल्यूसी एक सप्ताह में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी (नियाल) को सौंप देगी। इसके बाद शासन स्तर पर जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 07:59 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 08:42 AM (IST)
Jewar Inter International Airport: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भारत करेगा चीन की बराबरी
यूपी में बनने वाले जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की प्रतीकात्मक तस्वीर।

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। Jewar Inter National Airport:  जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पांच रनवे का निर्माण कर भारत चीन की बराबरी करेगा। एशिया में चीन के शंघाई एयरपोर्ट पर सबसे अधिक पांच रनवे हैं। प्राइस वाटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पांच रनवे के निर्माण संबंधी व्यवहारिकता रिपोर्ट एक सप्ताह में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी (नियाल) को सौंप देगी।

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जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे का निर्माण होना है। प्रदेश सरकार ने इसे एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने के लिए व्यावहारिकता रिपोर्ट तैयार कराने के नियाल को निर्देश दिए थे। पीडब्ल्यूसी द्वारा तैयार की गई व्यवहारिकता रिपोर्ट में कहा गया है कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पांच रनवे का निर्माण किया जा सकता है। इसके तहत पहले चरण में बनाए जा रहे दो रनवे के उत्तर दिशा में एक और रनवे व दक्षिण दिशा में दो अन्य रनवे बनाए जा सकते हैं। इसके लिए करीब साढ़े तीन हजार हेक्टेयर जमीन की और जरूरत होगी।

उत्तर दिशा में बनने वाले रनवे का उपयोग हवाई जहाज की मेंटेनेंस, रिपेयर, ओवरहालिंग (एमआरओ) के लिए किया जा सकता है। व्यवहारिकता रिपोर्ट शासन को भेजकर जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में पांच हजार हेक्टेयर जमीन आरक्षित है। पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की जा चुकी है। मास्टर प्लान 2041 में जरूरत को देखते हुए एयरपोर्ट का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है।

पहले चरण के लिए अक्टूबर में होगा विकासकर्ता के साथ करार

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के साथ अक्टूबर में करार होगा। विकासकर्ता कंपनी के रूप में नवंबर 2019 में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल का चयन किया गया था। कोरोना के कारण अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा बंद होने से करार में विलंब हो चुका है। एयरपोर्ट से 2022-23 से हवाई सेवा शुरू करने का लक्ष्य है।

एमआरओ से मिलने वाले राजस्व पर निगाह

प्रदेश सरकार व नियाल की निगाह जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ एमआरओ से मिलने वाले राजस्व पर भी है। जेवर एयरपोर्ट को एमआरओ का हब बनाने की भी योजना है। प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2031 में जेवर एयरपोर्ट से सटे चार सेक्टर प्रस्तावित किए हैं। इन्हें इलेक्ट्रानिक्स, एमआरओ, ट्रांसपोर्ट हब के लिए प्रस्तावित किया गया है। एमआरओ की संभावनाओं को देखते हुए प्राधिकरण सेक्टर सात, आठ व 30 को इसके लिए आरक्षित करने पर विचार कर रहा है।

एयरपोर्ट पर बनाए जा सकते हैं 5 रन-वे

डॉ. अरुणवीर सिंह (सीईओ यमुना प्राधिकरण एवं नियाल) का कहना है कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रनवे की संख्या बढ़ाने के लिए व्यावहारिकता रिपोर्ट तैयार कराई गई है। एयरपोर्ट पर पांच रनवे बनाए जा सकते हैं। पहले चरण में दो रनवे के लिए जमीन अधिग्रहण हो चुका है।

यह भी जानें

  • जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
  • फिलहाल एशिया में चीन के शंघाई एयरपोर्ट पर सबसे अधिक पांच रनवे हैं
  •  नियाल को एक सप्ताह में मिलेगी पांच रनवे के निर्माण पर व्यावहारिकता रिपोर्ट

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