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सीढ़ियों पर आग और लिफ्ट भी बंद, चंद घंटों के लिए थम गई थी सांसें, जानिए लोगों ने क्‍या कहा

सबसे पहले वारयिंग जलने की बदबू आई। इसके बाद पटाखों की तरह तेज आवाज मिली।बाहर आकर देखा तो आग लगी हुई थी। पढ़िए आग से लोगों ने कैसे बचाई जान।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:55 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 09:55 PM (IST)
सीढ़ियों पर आग और लिफ्ट भी बंद, चंद घंटों के लिए थम गई थी सांसें, जानिए लोगों ने क्‍या कहा
सीढ़ियों पर आग और लिफ्ट भी बंद, चंद घंटों के लिए थम गई थी सांसें, जानिए लोगों ने क्‍या कहा

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। दिल्‍ली से सटे ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित एलीगेंट विले सोसायटी में दोपहर उस वक्‍त अफरातफरी मच गई जब सोमवार की दोपहर बिल्‍डिंग में आग लगने की सूचना मिली। आग लगने से वहां हड़कंप मच गया। सीढ़ी और लिफ्ट वाले क्षेत्र में धुंआ भर जाने से लोग घबरा गए। हर तरफ अफरा-तफरी का महौल बन गया। सबसे बड़ी बात यह है कि इस दौरान कई परिवार फ्लैटों में ही थे। इस कारण बड़ा हादसा हो सकता था। जिस समय हादसा हुआ ज्यादातर फ्लैटों में महिलाएं व बच्चे मौजूद थे। आग लगने की सूचना पाकर लोग लिफ्ट की तरफ दौड़े। लेकिन शार्ट सर्किट की वजह से लिफ्ट ने काम नहीं किया। महिलाओं ने बच्चों संग सीढ़ियों के रास्ते दौड़कर अपनी जान बचाई। सीढ़ियों पर धुंआ होने की वजह से लोगों को नीचे उतरने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। सोसायटी अभी निर्माणाधीन है। एक से दो टॉवरों में ही लोगों ने रहना शुरू किया है। जिसकी वजह से टॉवर के ज्यादातर फ्लैट अभी भी खाली है। सोसायटी में कई इमारतें अभी ढांचागत स्थिति में खड़ी है। इलेक्ट्रानिक पैनलों में आग इतनी भयंकर थी कि सारे तार जलकर खाक हो गए।

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नहीं मिले अग्निशमन उपकरण

सोसायटी में अग्निशमन उपकरणों का अभाव दिखा। एक भी स्थान पर फायर एक्सटिंगिशर सिस्टम लगे नहीं दिखे। आसपास की सोसायटी से लोग फायर एक्सटिंगिशर (आग बुझाने का सिलेंडर) लेकर घटना स्थल की तरफ दौड़े। गार्डों को अग्निशमन यंत्रों का प्रशिक्षण भी प्राप्त नहीं था। दमकल टीम के पहुंचने पर ही आग पर काबू पाया जा सका। इस संबंध में फोन के माध्यम से बिल्डर के डायरेक्टर अभय कुमार से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

निवासियों के बयान

करीब एक बजे सोसायटी के डी टॉवर में आग लगने की घटना घटित हुई। जिस समय आग लगी में फ्लैट में था। एकाएक शोर शराबा सुनकर बीवी बच्चों के साथ बाहर की तरफ दौड़ा। परिवार के नीचे सुरक्षित पहुंचने के बाद राहत की सांस मिली।

राहुल निवासी

सबसे पहले वारयिंग जैसा कुछ जलने की बदबू आई। जिसके बाद पटाखों की तरह तेज आवाज सुनाई देने लगी। फ्लैट से बाहर आकर देखा तो इलेक्ट्रानिक पैनल बॉक्स में आग लगी हुई थी। 14 वे फ्लोर पर तीन परिवार ही रहते है। जिसके बाद लोग बच्चों को लेकर नीचे की तरफ दौड़े।

करिश्मा

ऊपरी मंजिल से पटाखे छूटने की आवाज सुनाई दी। बाहर आकर देखा तो लोग नीचे की तरफ दौड़ रहे थे। हम भी सब कुछ छोड़कर सोसायटी से बाहर आ खड़े हुए।

अर्चना

सोसायटी के सी टॉवर में रहती हूं। डी टॉवर में अपनी सहेली करिश्मा के घर मिलने गई थी। तभी आगजनी हो गई। सोसायटी में बड़ा हादसा घटित हो सकता था।

सुषमा

एक दिन पहले ही बिल्डर की मनमानी के विराेध में प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया था। निवासियों ने उस दौरान मूलभूत सुविधाओं के साथ सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया। लेकिन बिल्डर ने अभी तक सुध नहीं ली है।

वंदना

बिल्डर ने बिना प्राधिकरण से ओसी सीसी जारी हुए ही फ्लैटों पर कब्जा दे दिया है। परियोजना ढांचागत स्थिति में है। शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं होती। एक भी स्थान पर अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है।

सरिता पांडेय

डयूटी पर था। जैसे ही परिवार के लोगों ने सोसायटी में आग लगने की सूचना दी। पैरो तले से जमीन खिसक गई। सोसायटी में बड़ा हादसा होते होते बच गया। वरना बिल्डर की लापरवाही का खामियाजा हमे भुगतना पड़ सकता था।

रामू अग्रवाल


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