Jewar International Airport: जानिए कैसे पश्चिमी यूपी में भाजपा के लिए 'जीत' की आधारशिला रखेंगे पीएम मोदी
Jewar International Airport प्रधानमंत्री की जनसभा इसलिए भी अहम मानी जा रही है कि उत्तर प्रदेश चुनावी मोड में आ चुका है। राजनीतिक दल दूसरों की कमियां व अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखकर लुभाने में लगे हैं।
नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर चुनाव से पहले गौतमबुद्ध नगर की धरती पर जनसभा करेंगे। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी प्रधानमंत्री ने गौतमबुद्ध नगर आकर संस्कृति संग्रहालय का उद्घाटन कर चुनावी आगाज किया था। इस बार देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री गौतमबुद्ध नगर के जेवर में आ रहे हैं। शिलान्यास के साथ जनसभा को भी संबोधित करेंगे। तीनों नए कृषि कानून वापस लेने के बाद यह उनकी पहली बड़ी जनसभा होगी।
इसमें डेढ़ लाख से अधिक लोगों के आने का दावा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री की जनसभा इसलिए भी अहम मानी जा रही है कि उत्तर प्रदेश चुनावी मोड में आ चुका है। राजनीतिक दल दूसरों की कमियां व अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखकर लुभाने में लगे हैं।
भाजपा बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री की जनसभा से प्रदेश में अपने चुनावी अभियान को धार देगी। चुनावी शंखनाद के लिए नोएडा एयरपोर्ट के शिलान्यास को इसलिए चुना गया कि यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ भाजपा जनता को यह संदेश देना चाहती है कि उनके लिए देश-प्रदेश का विकास सवरेपरि है। ईस्टर्न वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर, बुंदेलखंड, पूर्वांचल, गंगा एक्सप्रेस वे और अयोध्या एयरपोर्ट के बाद अब देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को विकास की सबसे बड़ी सौगात दी है।
प्रदेश के विकास के लिए यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यात्री के साथ कार्गाे एयरपोर्ट भी होगा। इससे प्रदेश में औद्योगिक व व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी। पहले चरण में एक लाख लोगों को यहां रोजगार मिलेगा। वहीं भविष्य में दस लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ कनेक्टिविटी के नए विकल्प तैयार होंगे। एक तरफ आगरा, मथुरा, एटा, इटावा, फिरोजाबाद, अलीगढ़ तो दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़ आदि जिलों को भी एयरपोर्ट का लाभ मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी मिलने से इन शहरों के उद्योग उड़ान भरेंगे।
खास बात यह है कि नोएडा एयरपोर्ट के शिलान्यास की कवायद पिछले एक वर्ष से चल रही थी, लेकिन इसके लिए 25 नवंबर की तिथि का चयन तब किया गया, जब प्रदेश में विधान सभा चुनाव एकदम नजदीक है। केंद्र और प्रदेश सरकार एयरपोर्ट के निर्माण की उपलब्धि को जनता के सामने रखकर इसका चुनावी लाभ उठानी चाहती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो किसान आंदोलन व सम्राट मिहिर भोज प्रकरण की वजह से सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी देखी जा रही थी।
प्रधानमंत्री अब तीनों कृषि कानूनों को वापस ले चुके हैं। नोएडा एयरपोर्ट की जनसभा से वह अपने अगले कदम का भी एलान कर सकते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में विधानसभा की 71 सीटों में से भाजपा के पास इस समय 50 सीटें हैं। जबकि लोकसभा की 19 में से 16 सीटें हैं। किसानों की नाराजगी व सपा और रालोद के बीच गठबंधन की संभावनाओं की वजह से यह चुनाव भाजपा के लिए एक चुनौती बना हुआ है। नोएडा एयरपोर्ट भाजपा के लिए जीत का मोहरा साबित हो सकता है।