कोरोना काल में देशभर के छात्र-छात्राओं मदद कर रहे इनकम टैक्स अधिकारी शशांक शेखर सिंह
इनकम टैक्स अधिकारी शशांक शेखर सिंह अब तक जम्मू कश्मीर त्रिपुरा चेन्नई मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में 300 छात्रों को कोरियर व स्पीड पोस्ट के माध्यम से किताबें भेज चुके हैं। 500 के करीब कोरोना संक्रमित छात्रों को दवाई भेजी जा चुकी है।
ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। कोरोना वायरस संक्रमण से एक तरफ जहां मौत हुई तो वहीं दूसरी तरफ छात्रों की पढ़ाई पर भी संकट आ गया। देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन के चलते किताब की दुकानें बंद हो गईं। स्कूल व कॉलेज बंद हो गए। छात्र घरों में कैद हो गए। ऐसे में इनकम टैक्स अधिकारी (आइआरएस) शशांक शेखर सिंह ने जरूरतमंद छात्रों का दर्द समझा और उनको किताब व दवाई पहुंचाने की मुहिम एक महीने पहले शुरू की। अब तक वह जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, चेन्नई, मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में 300 छात्रों को कोरियर व स्पीड पोस्ट के माध्यम से किताबें भेज चुके हैं। 500 के करीब कोरोना संक्रमित छात्रों को दवाई भेजी जा चुकी है। किताब के लिए एक हजार छात्रों ने ईमेल और ट्विटर पर मदद मांगी है। अन्य छात्रों को किताब भेजने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही उनके पास भी किताब पहुंच जाएगी।
मूल रूप बलिया के रहने वाले 2017 बैच के आइआरएस अधिकारी शशांक शेखर सिंह वर्तमान में गाजियाबाद व नोएडा (अतिरिक्त प्रभार) में इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। पिछले महीने जब कोरोना संक्रमण बढ़ा और देश के अलग-अलग प्रदेश में लॉकडाउन लगने के बाद उन्होंने ट्विटर पर लोगों को मदद मांगते देखा तो एक घंटे तक एक कमरे में अकेले बैठ गए। उन्होंने अपने बैचमेट व दोस्तों को जोड़कर एक वॉलेंटियर ग्रुप बनाया। उनके आग्रह पर सभी लोग सहमत हुए कि देश के हर कोने में मौजूद छात्रों की मांग पर उनको मदद पहुंचाई जाएगी।
किताब छोड़ कर चले गए घर
अचानक लॉक डाउन लगने पर दिल्ली एनसीआर व अन्य जगहों पर रहकर सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले छात्र अपने घर चले गए। उनको नहीं पता था कि लॉकडाउन एक महीने से अधिक चलेगा। उनकी किताबे किराए पर रहने वाले जगह ही रह गई। ऐसे लोगों को भी मदद पहुंचाई जा रही है।
सत्यापन के बाद करते हैं मदद
शशांक शेखर ने बताया कि वॉलेंटियर ग्रुप में मौजूद सदस्य मदद मांगने वाले छात्र का पहले सत्यापन करते हैं कि उसको असल में किताब की जरूरत है या नहीं। आज के समय ऑनलाइन फ्रॉड ज्यादा हो रहा है। ऐसे में सत्यापन के बाद ही जरूरमंद तक किताब पहुंचाई जाती है।
इस पर मांग सकते हैं मदद
sos.students.2021@gamil.com
ये लोग मदद करने में हैं शामिल
- आइएएस आनंद शर्मा
- आइआरएस चेतन शर्मा
- हरिकेश सिंह
- दिल्ली जू के निदेशक और सीनियर आइएफएस रमेश पांडेय
- उमेश यादव
- राहुल शर्मा
- शिवम
- अमोल पंवार