Move to Jagran APP

सरकारी स्कूल की बच्चियां कर रही ऐसा काम कि रोशन हो रहा नोएडा का नाम

विद्यालय की प्रधानाचार्य मीनू गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के समय में बच्चों को पढ़ाई कराने के साथ ही नए विचारों पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया जब छात्राओं ने तकनीक से जुड़ा मॉडल पेश किया तो उनकी शिक्षिका शालिनी ने इसे राष्ट्रीय तकनीकी प्रतियोगिता में भेजा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 05:53 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 05:53 PM (IST)
सरकारी स्कूल की बच्चियां कर रही ऐसा काम कि रोशन हो रहा नोएडा का नाम
उच्च प्राथमिक स्कूल वाजिदपुर की छात्राएं मोनिका गौतम और रिदम

नोएडा, सुनाक्षी गुप्ता। कोरोना काल में स्कूल बंद होने के कारण दो तरह की स्थितियां देखते को मिली। एक तरफ संसाधन की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई, दूसरी तरफ सरकारी स्कूल के छात्रों को तकनीकी शिक्षा की कमी के कारण ऑनलाइन पढ़ाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मुश्किल के इस दौर में नोएडा के सरकारी स्कूल की छात्राओं ने सरकार के सामने ऐसा मॉडल पेश किया जिसमें तकनीक के मदद से स्कूलों को आधुनिक बनाया जा सके।

loksabha election banner

मॉडल को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मिली तारीफ

उच्च प्राथमिक स्कूल वाजिदपुर की छात्राएं मोनिका गौतम और रिदम ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित एआई फॉर यूथ प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हुए तकनीकी मॉडल पेश किया, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। डिजिटल इंडिया के तहत आयोजित हुई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रतियोगिता में छात्राओं ने अटेंडेंस ट्रैकर (उपस्थिति ट्रैकर) का मॉडल पेश किया। देश के टॉप 100 मॉडल में छात्राओं के विचार को चयनित कर उन्हें लैपटॉप से सम्मानित किया गया।

छात्रों की आवाज लगाते ही दर्ज हो जाएंगी उपस्थिति

उच्च प्राथमिक स्कूल वाजिदपुर की कक्षा 8वीं की छात्रा मोनिका गौतम और रिदम ने बताया कि गत वर्ष लॉकडाउन के समय में उपस्थिति ट्रैकर के मॉडल पर कार्य किया। जिसकी खासियत यह है कि छात्र जब कक्षा में बैठेंगे तो उनकी आवाज से स्कूल में उपस्थिति दर्ज की जा सकेगी, इस कार्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग किया जाएगा। मशीन के माध्यम से हर कक्षा में उपस्थिति दर्ज की जा सकेगी। जिसमें सबसे पहले छात्रों की पूरी जानकारी अपडेट कराई जाएगी।

विद्यालय की प्रधानाचार्य मीनू गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के समय में बच्चों को पढ़ाई कराने के साथ ही नए विचारों पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया, जब छात्राओं ने तकनीक से जुड़ा मॉडल पेश किया तो उनकी शिक्षिका शालिनी ने इसे राष्ट्रीय तकनीकी प्रतियोगिता में भेजा। जहां छात्राओं ने प्रतियोगिता में दो फेज में प्रस्तुति दी और अंत में उनका मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ। लैपटॉप की मदद से छात्राओं को इस मॉडल पर कार्य करने के लिए भारत सरकार द्वारा तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

दर्जी का काम करती हैं रिदम की मां, बेटी की सफलता से हुई खुश

वाजिदपुर निवासी रिदम की मां प्रीति पाराशर पेशे से दर्जी हैं और पिता नीरज पाराशर निजी कंपनी में सुपरवाइजर का कार्य करते हैं। वहीं मोनिका गौतम के पिता हरीशचंद निजी कंपनी में कार्यरत है और मां पुष्पा गृहिणी हैं। बच्चियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सफलता मिलने पर दोनों परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। रिदम बताती हैं कि वह भविष्य में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करना चाहती हैं और मोनिका सिविल सेवा में जाना चाहती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.