गर्भवती मौत प्रकरणः जिला अस्पताल की सीएमएस पर गिरी गाज, डॉ. वीबी ढाका को मिली नई जिम्मेदारी
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वीबी ढाका को जिला अस्पताल का सीएमएस बनाया गया है। उन्होंने कामकाज संभाल लिया है।
नोएडा, जागरण संवाददाता। खोड़ा की गर्भवती मौत प्रकरण में आखिरकार जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. वंदना शर्मा पर गाज गिर ही गई है। शासन ने उन्हें सीएमएस के पद से हटाकर गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में वरिष्ठ परामर्शदाता बनाकर भेजा है। वहीं उनके स्थान अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वीबी ढाका को जिला अस्पताल का सीएमएस बनाया गया है। डॉ. वीबी ढाका ने सोमवार देर शाम जिला अस्पताल पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया।
बता दें कि पांच जून को गाजियाबाद के खोड़ा निवासी गर्भवती नीलम पत्नी बिजेंद्र की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी। आरोप था कि ईएसआइसी, जिला अस्पताल, शारदा, जिम्स, शिवालिक समेत आठ अस्पतालों ने महिला को भर्ती करने से हाथ खड़े कर दिए थे।
पीड़ित बिजेंद्र गर्भवती को एंबुलेंस में लेकर 13 घंटों तक अस्पताल के चक्कर लगाते रहे थे। अंत में नीलम ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। मामले में डीएम सुहास एलवाइ ने सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी और एडीएम मुनींद्र नाथ उपाध्याय को जांच सौंपी थी। जांच में जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. वंदना शर्मा, ईएसआइसी के पूर्व निदेशक डॉ. अनीश सिंघल समेत सभी प्राइवेट अस्पताल दोषी पाए गए। ईएसआइसी के पूर्व निदेशक डॉ. अनीश सिंघल पर शासन स्तर से पूर्व में ही कार्रवाई हो चुकी है। उनके स्थान पर डॉ. बलराज भंडार को ईएसआइसी की कमान सौंपी जा चुकी है। वहीं सीएमएस की कार्यशैली से भी डीएम नाराज थे। वह अस्पताल प्रशासन को नियंत्रण करने में असफल साबित हो रही थीं। डीएम ने सीएमएस और ईएसआइसी के निदेशक के खिलाफ कार्रवाई को शासन को पत्र लिखा था।
प्राइवेट अस्पताल अभी कार्रवाई से दूर
भले ही शासन से जिला अस्पताल की सीएमएस व ईएसआइसी के पूर्व निदेशक के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा चुकी हो, लेकिन घटना में संलिप्त प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ अभी तक जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की है। लिहाजा प्राइवेट अस्पतालों में भी चिकित्सकों की मनमानी व इलाज के नाम पर वसूली के लगातार केस सामने आ रहे हैं।
नए सीएमएस के लिए चुनौती है अस्पताल की व्यवस्था
जिला अस्पताल में बेपटरी हो चुकी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना नए सीएमएस डॉ. वीबी ढाका के लिए चुनौती पूर्ण रहेगा। जिला अस्पताल में आए दिन मरीजों के साथ बदसलूकी व इलाज में चिकित्सकों की लापरवाही आदि घटनाओं से इस समय अस्पताल की छवि धूमिल हो चुकी है। चिकित्सक न तो समय से ओपीडी में बैठते हैं और जल्दी उठकर घर चले जाते हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। इन व्यवस्थाओं में सुधार के लिए नए सीएमएस को प्रशासनिक गतिविधियों पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है।
नए सीएमएस डॉ. वीबी ढाका ने बताया कि जिला अस्पताल के बदहाल हालातों को सुधारना प्राथमिकता रहेगी। मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई गुंजाइश नहीं बरती जाएगी।
पूर्व सीएमएस डॉ. वंदना शर्मा ने कहा कि तबादले का पत्र मिल चुका है। शासन से साधारण तौर पर तबादला किया गया है। जल्द ही गाजियाबाद पहुंचकर कार्यभार संभाल लूंगी।