ग्रेटर नोएडा के पूर्व प्रधान की गला दबा कर हत्या, शक के घेरे में महिला
खेड़ी गांव के पूर्व प्रधान चंडी की गला दबाकर हत्या कर दी गई और शव को ईकोटेक एक कोतवाली क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट में फेंक दिया गया।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित खेड़ी गांव के पूर्व प्रधान चंडी की गला दबाकर हत्या कर दी गई और शव को ईकोटेक एक कोतवाली क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट में फेंक दिया गया। पहचान मिटाने के लिए पूर्व प्रधान के चेहरे पर पेट्रोल डालकर आग भी लगाई गई थी लेकिन शव पूरी तरह से नहीं चल पाया था। आधा जला शव मिलने से पुलिस के हाथ पांव फूल गए थे।
अब पुलिस मामले के पर्दाफाश की ओर बढ़ती नजर आ रही है मामले में महिला सहित कुछ अन्य संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
4 जून को संदिग्ध परिस्थिति में गायब हो गए थे पूर्व प्रधान
दरअसल, खेड़ी गांव के पूर्व प्रधान चंडी बीते 4 जून को संदिग्ध परिस्थिति में गायब हो गए थे। परिजनों ने उनके गायब होने की रिपोर्ट सूरजपुर कोतवाली में दर्ज कराई थी। इसी बीच अचानक ईकोटेक एक कोतवाली क्षेत्र में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला जो आधा जला हुआ था। अज्ञात शव की पहचान के प्रयास में जुटी पुलिस के हाथ सफलता लगी और शव की शिनाख्त खेड़ी गांव के पूर्व प्रधान चंडी के रूप में हुई। पुलिस को पूर्व प्रधान के मोबाइल में कुछ नंबर मिले हैं जिसके आधार पर पुलिस ने महिला समेत कुछ अन्य संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
बहन की समाधि के पास पेड़ से लटका मिला भाई
उधर, दादरी क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में 50 वर्षीय व्यक्ति ने मंगलवार को बहन की समाधि के पास लगे आम के पेड़ से लटककर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। 50 वर्षीय व्यक्ति बचपन से ही अपनी बड़ी बहन के साथ बिसाहड़ा गांव में रह रहा था। करीब नौ माह पहले उनकी 88 वर्षीय बड़ी बहन की मौत हो गई थी, तभी से वह परेशान रहते थे। स्वजन ने बुधवार को पुलिस को सूचित किए बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस ने बताया कि बुलंदशहर जिले के दतूरी सलेमपुर गांव निवासी 50 वर्षीय कृपाल सिंह की बड़ी बहन मालती की शादी दादरी क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में हुई थी। स्वजन ने बताया कि शादी के बाद से ही कृपाल अपनी बहन के साथ बिसाहड़ा में रहने लगे थे। दोनों भाई-बहनों में अटूट प्रेम था। लगभग नौ माह पहले 88 वर्षीय मालती की मौत हो गई थी। बहन की मौत के बाद से ही कृपाल सिंह सदमे में थे। मंगलवार सुबह कृपाल सिंह अपने भांजे गोलू से यह कहकर घर से निकले कि तू ही मेरी चिता को दाग देगा। कृपाल ने गांव के बाहर बनी बहन की समाधि के पास खड़े आम के पेड़ से लटककर फांसी लगा ली। आसपास के खेतों पर काम करने वाले किसानों ने घटना की जानकारी कृपाल के स्वजन को दी।
जारचा कोतवाली प्रभारी अनिल कुमार राजपूत ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना मिली है कि बिसाहड़ा गांव में एक व्यक्ति ने बहन की मौत के गम में फांसी लगा ली। बुधवार को पुलिस बिसाहड़ा गांव पहुंची तो पता चला कि स्वजन ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। स्वजन ने पुलिस से कोई कार्रवाई न करने की अपील की। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कृपाल सिंह ने आत्महत्या का प्रयास किया था। मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।