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फायनांस कंपनी के मैनेजर की क्यों हुई थी हत्या, 3 महीने बाद हुआ सनसनीखेज खुलासा Noida News

company manager murder case आरोपित ममेरा भाई कंपनी का 4 किलोग्राम सोना लूटना चाहता था। इसके लिए उसने पूरी साजिश रची थी। कंपनी के मैनेजर ने चाभी नहीं दी मार डाला।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 03:37 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 03:42 PM (IST)
फायनांस कंपनी के मैनेजर की क्यों हुई थी हत्या, 3 महीने बाद हुआ सनसनीखेज खुलासा Noida News
फायनांस कंपनी के मैनेजर की क्यों हुई थी हत्या, 3 महीने बाद हुआ सनसनीखेज खुलासा Noida News

ग्रेटर नोएडा, जेएनएन। बादलपुर कोतवाली क्षेत्र में बीते जून के महीने में नामी फायनांस कंपनी के प्रबंधक आजाद की गोली मारकर हुई हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। प्रबंधक की हत्या उसके ममेरे भाई परविंदर व उसके साथी चमन लाल निवासी भोजपुर गाजियाबाद ने की है। परविंदर ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। परविंदर कंपनी का चार किलो सोना लूटना चाहता था, लेकिन प्रबंधक ने भाई की इस योजना में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इस वजह से आरोपित ने प्रबंधक की हत्या कर दी। घटना में शामिल दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि बादलपुर कोतवाली क्षेत्र में कल्दा नहर की पुलिया के पास बीते 20 जून 2019 को एक अज्ञात युवक का शव पड़ा मिला था। इसकी पहचान हापुड़ के काठी खेड़ा गांव के रहने वाले आजाद के रूप में हुई थी। आजाद की गोली मारकर हत्या की गई थी। आजाद एक फायनांस कंपनी में गाजियाबाद की शाखा में प्रबंधक के पद पर तैनात थे। परिजन ने मामले में अज्ञात बदमाशों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

बादलपुर कोतवाली प्रभारी पटनीश कुमार की टीम ने मामले में सीसीटीवी से अहम सुराग हासिल किया। टीम ने गाजियाबाद स्थित कंपनी की शाखा पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज खंगाली। फुटेज के आधार पर पुलिस ने प्रबंधक आजाद के ममेरे भाई परविंदर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में चौकाने वाला पर्दाफाश हुआ। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसने कुछ दिनों पहले आजाद से दस हजार रुपये उधार लिए थे। आजाद उस पर रुपये पैसे वापस करने का दबाव बना रहा था। परविंदर ने बताया कि आजाद कंपनी में प्रबंधक था। वह चाहता था कि कंपनी से चार किलो सोना लूटा जाए। आजाद के पास कंपनी के लॉकर की चाबी रहती थी।

शराब पिलाकर हासिल की चाबी

आरोपित ने बताया कि 20 जून को परविंदर ने उधार के रुपये वापस देने की बात कहकर आजाद को कलदा गांव के समीप बुलाया था। जहां परविंदर के तीन साथी चमनलाल, दीपक और सुनील पहले से मौजूद थे। आरोपितों ने पहले आजाद को शराब पिलाई। जिसके बाद उसके बैग से उसके लॉकर की चाबी निकाल ली। इसके बाद आरोपित चाबी लेकर कंपनी की शाखा में पहुंचे और लॉकर खोलकर सोना लूटने का प्रयास किया। लेकिन लॉकर नहीं खुला। जिसके बाद वह वापस घटना स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने यह बात आजाद को बताई तो वह नाराज हो गया। आजाद ने इस बात की शिकायत गांव के लोगों से करने की बात कही। आरोपितों को लगा कि उनका राज खुल जाएगा तो आरोपितों ने आजाद की गोली मारकर हत्या कर दी।

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