Move to Jagran APP

फर्जी काल सेंटर- दो साल, 12 हजार लोग और नौ लाख डालर की ठगी, रिटायर्ड एयरफोर्स अफसर का बेटा मास्टरमाइंड

नोएडा निवासी सेवानिवृत्त एयरफोर्स अफसर का इंजीनियर बेटा निकला गैंग का मास्टरमाइंड - मौके से 27 हार्ड डिस्क 16 एटीएम कार्ड बरामद नौ लाख डालर ट्रांजेक्शन के सुबूत मिले। पुलिस अब पीडि़तों को ई-मेल भेजकर उनसे शिकायतीपत्र लेने की कोशिश कर रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 03:22 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 03:22 PM (IST)
फर्जी काल सेंटर- दो साल, 12 हजार लोग और नौ लाख डालर की ठगी, रिटायर्ड एयरफोर्स अफसर का बेटा मास्टरमाइंड
पिछले दो साल में 12 हजार लोगों को बना चुके शिकार।

दिल्ली, नोएडा, कानपुर, जागरण संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर के अलावा कई अन्य शहरों में भी फर्जी काल सेंटर से विदेशियों को ठगने की साजिश की जा रही है। आए दिन इस तरह के फर्जी काल सेंटरों का भंडाफोड़ पुलिस की टीमें कर रही हैं। इनमें कई सफेदपोश लोगों के शामिल होने की जानकारी भी पुलिस को मिल चुकी है।

loksabha election banner

फर्जी अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर की आड़ में अमेरिकी कंपनियों और वहां के लोगों के कंप्यूटर सर्वर पर मालवेयर वायरस भेजकर डाटा हैक करने के बाद उसे रिकवर कराने के नाम पर डिक्रिप्शन कोड भेजकर करोड़ों रुपये ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश कर चार शातिरों को क्राइम ब्रांच ने काकादेव से दबोचा है। पुलिस ने 27 हार्ड डिस्क, विभिन्न बैंकों के 16 एटीएम कार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक का डेबिट कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, दो पैन कार्ड, पांच मोबाइल फोन और होटल ताज की सदस्यता का कार्ड आदि दस्तावेज बरामद किए हैं।

बैंक स्टेटमेंट से नौ लाख डालर का ट्रांजेक्शन होने और 12 हजार लोगों को शिकार बनाए जाने के सुबूत मिले हैं। पुलिस अब पीडि़तों को ई-मेल भेजकर उनसे शिकायतीपत्र लेने की कोशिश कर रही है। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी व आइटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि पिछले दिनों काकादेव क्षेत्र के एक शख्स ने ओम चौराहे के पास एक भवन में अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर चलने की सूचना दी थी। बताया कि काल सेंटर के कर्मचारी अमेरिकी कंपनियों, लोगों के सिस्टम पर एड या ¨लक के रूप में मालवेयर वायरस भेजते हैं। इससे कंप्यूटर व सर्वर का डाटा इनक्रिप्ट हो जाता है। कंप्यूटर स्क्रीन पर सिस्टम ठीक कराने के लिए एक नंबर प्रदर्शित होने लगता है।

डाटा हैक होने पर पीडि़त जब उस नंबर पर फोन करता है तो काकादेव स्थित काल सेंटर में बैठा कर्मचारी सिस्टम ठीक करने का झांसा देकर 200 या 300 डालर की रकम मांगता है। ये कर्मचारी खुद को कभी माइक्रोटेक तो कभी एचपी या डेल जैसी कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर बात करते। बैंक खातों में रकम जमा कराने के बाद उसे डिक्रिप्शन कोड भेजकर डाटा रिकवर करा देते थे। डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में नोएडा सेक्टर 25 में रहने वाले सेवानिवृत्त एयरफोर्स अधिकारी का बेटा काल सेंटर संचालक मो¨हद्र शर्मा, फीरोजाबाद निवासी संजीव कुमार गुप्ता, प्रतापगढ़ निवासी मो. जिरकुल्ला और मूलरूप से बिहार व वर्तमान में काकादेव के शारदा नगर निवासी सूरज सुमन शामिल हैं।

मोहिंद्र ने कुछ साल पहले पुणे विवि के इंजीनियरिंग कालेज से कंप्यूटर साइंस एंड इंफार्मेशन टेक्नोलाजी में बीटेक पास किया था। आरोपित ने बताया कि पिछले वर्ष लाकडाउन के दौरान वह दिल्ली की एक कंपनी के संपर्क में आया था। उसकी एक ब्रांच अमेरिका में भी है। उसी कंपनी के अधिकारी के कहने पर लोगों को साफ्टवेयर सपोर्ट देने के लिए उसने काल सेंटर बनाया था। इसका बैक आफिस नोएडा में भी है। डीसीपी ने पुलिस टीम को 20-20 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.