नई दिल्ली/नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना काल के दौरान डिजिटल लेन-देन का चलन बढ़ने से साइबर क्राइम में भी तेजी से इजाफा हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में भी साइबर क्राइम में कई गुना इजाफा हुआ है। साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। छोटे-मोटे अपराध तो सामान्य हो गए हैं, लेकिन हाई प्रोफाइल हैकिंग के मामले भी आम होते जा रहे हैं। ताजा मामले में हैकर्स ने झारखंड के पूर्व राज्यपाल और पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार का ई-मेल आईडी हैक कर लिया है। प्रभात कुमार नोएडा सेक्टर-39 में रहते हैं। इस संबंध में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दिया है। पुलिस के साथ साइबर सेल की टीम भी मामले की जांच कर रही है।
पुलिस उपायुक्त राजेश एस ने बताया कि नोएडा के सेक्टर-39 में रहने वाले झारखंड के पूर्व राज्यपाल तथा पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार ने थाना सेक्टर-39 में ई-मेल आईडी हैक होने की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा कि अज्ञात साइबर हैकरों ने उनका निजी ई-मेल हैक कर लिया। उन्हें इस बात की जानकारी 22 फरवरी को उस समय हुई, जब वह अपना ई-मेल पासवर्ड डालकर खोलने की कोशिश कर रहे थे। वह अपना ई-मेल नहीं खोल पाए। डीसीपी ने बताया कि पूर्व राज्यपाल को यह भी पता चला कि इस ई-मेल के जरिये संदेश भेजकर लोगों से पैसे मांगे जा रहे हैं। मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पूर्व राज्यपाल ने आशंका जताई है कि साइबर हैकर उनकी आईडी से राष्ट्र विरोधी गतिविधियां कर सकते हैं। प्रभात कुमार 1963 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह 1998 से 2000 के बीच कैबिनेट सचिव पद पर रहे। बिहार से अलग करके बनाए गए झारखंड के गठन के बाद वह इस राज्य के पहले राज्यपाल बने।
अधिकारी की ईमेल से परिचितों से पैसे मांग रहे शातिर
नोएडा पुलिस को दो गई शिकायत के मुताबिक, शातिर अपराधी पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार की ईमेल हैक करने के बाद मेल करके उनके परिचितों से पैसों की मांग कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अपराधियों ने कुछ लोगों से 1-1 लाख रुपये तक मांगे हैं।
नोएडा के सेक्टर-39 में रहने वाले झारखंड के पूर्व राज्यपाल प्रभात कुमार ने कहा है कि होटमेल (Hotmail) पर उनकी ईमेल आईडी है। 22 फरवरी को उन्होंने ईमेल खोलने की कोशिश की तो वह नहीं खुली। इस दौरान उन्होंने बार-बार प्रयास किया, लेकिन वह ईमेल ओपन करने में सफल नहीं हुए। उन्होंने नोएडा पुलिस से ईमेल आईडी को जल्द से जल्द ब्लॉक करने की भी मांग की है, क्योंकि उनकी ईमेल के जरिये अपराधी देश-विरोधी काम भी कर सकते हैं।
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