एसआइटी के बाद सुपरटेक पर ईडी की तलवार, प्राधिकरण के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ जारी हो सकता है लुकआउट नोटिस
Supertech Noida Twin Tower Case सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स-सियान को गिराने को लेकर एसआइटी जांच के बाद अब बिल्डर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू कर सकता है।
नोएडा [कुंदन तिवारी]। आम्रपाली, यूनिटेक, थ्री सी के बाद नोएडा की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक की मुसीबत बढ़ने जा रही है, क्योंकि जांच एजेंसियों का शिकंजा इन पर कसने लगा है। सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स-सियान को गिराने को लेकर एसआइटी जांच के बाद अब बिल्डर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू कर सकता है।
सूत्रों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन ने तमाम परियोजनाओं में लगे बायर्स के पैसे को इधर-उधर कंपनियों में शिफ्ट कर दिया। विदेश में बनाई गई कई कंपनियों में पैसा ट्रांसफर हुआ है।
सूत्र की मानें तो जल्द सुपरटेक एमडी समेत प्राधिकरण के उच्च पद पर तैनात रहे पूर्व अधिकारियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर सकता है, जिससे कंपनी के एमडी समेत अधिकारी भी बाहर न जा सके। ताकि जांच के दौरान कोई बाधा उत्पन्न न हो। इसमें प्रवर्तन निदेशालय नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी व बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ कर सकता है। प्राधिकरण में जो भी नीति निर्धारण की जाती है, उसमें बोर्ड की सहमति होना जरूरी है।
सूत्रों के मुताबिक यूनिटेक व आम्रपाली के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी सुपरटेक है, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय की ओर से प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत होने जा रही है। इससे पहले यूनिटेक और आम्रपाली की जांच की है, जिसमें यूनिटेक और आम्रपाली के मालिक जेल में बंद चल रहे है।
आम्रपाली मामले में तो तीन हजार करोड़ रुपये इधर-उधर करने की पुष्टि भी हो चुकी है।
कंपनी के दावों की खुलेगी पोल
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स-सियान को तीन माह में गिराने का आदेश शीर्ष अदालत ने दिया है। प्राधिकरण ने इसकी तैयार शुरू कर दी है। सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। उच्च न्यायालय की ओर से स्टे लगाने के पहले 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे, कंपनी का दावा है कि इसमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट किया जा चुके हैं, जबकि इस प्रोजेक्ट में अब 252 निवेशक ही हैं।
प्रवर्तन निदेशालय पहले से ही नोएडा प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष और सीईओ के साथ-साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के छह अन्य उच्च पदस्थ पूर्व अधिकारियों की जांच कर रहा है। इसमें आम्रपाली मनी लांड्रिंग मामले में साल के शुरुआत में जांच एजेंसी की ओर से तलब किया गया था।
इसमें प्रवर्तन निदेशालय की जांच के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अन्य पूर्व अधिकारियों में दो ओएसडी और तीन महाप्रबंधक (जीएम) स्तर के अधिकारी और नोएडा प्राधिकरण के एक एजीएम रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। उनमें से कुछ के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं।
राजस्व नुकसान का आकलन करने में अधिकारियों पर भी कसेगा शिकंजा
सुपरटेक की ओर से मनी लांड्रिंग की जांच के अलावा, उस दौरान नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों द्बारा अर्जित वित्त और संपत्ति की जांच भी कर सकता है। जांच के बाद ही सरकारी राजस्व के नुकसान का आकलन किया जा सकेगा।