अच्छी पहल : कोरोना काल में नोएडा में दो बहनें कोविड पीड़ितों के घर-घर पहुंचा रहीं निशुल्क भोजन
Noida Coronavirus सेक्टर-41 की दो बहनें निहारिका व निधि ने शहर में कोरोना संक्रमित परिवारों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने की अनुकरणीय पहल की है। वे संतुलित पौष्टिक भोजन के पैकेट संक्रमित परिवारों तक मुफ्त में पहुंचाया रही है।
नोएडा [पारुल रांझा]। कोरोना संक्रमण काल में जहां चारों तरफ नकारात्मकता का माहौल है। वहीं शहर के कुछ लोगों की सकारात्मक पहल से कोरोना मरीजों के चेहरे पर राहत नजर आने लगी है। सेक्टर-41 की दो बहनें निहारिका व निधि ने शहर में कोरोना संक्रमित परिवारों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने की अनुकरणीय पहल की है। वे संतुलित पौष्टिक भोजन के पैकेट संक्रमित परिवारों तक मुफ्त में पहुंचा रही हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे संक्रमित परिवार जो होम आइसोलेशन में रह रहे हैं और अपने घर पर खाना बनाने में असमर्थ हैं। उनके लिए इंटरनेट मीडिया के जरिये नंबर जारी किया गया है। काल करते ही वेरीफाई कर डोर स्टेप डिलीवरी दी जा रही है। इस दौरान संक्रमण न फैले इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है। दोपहर और शाम का खाना पूरी तरह निशुल्क है। भले ही ये दो हैं, लेकिन इनका काम भी अच्छे अच्छों को सोचने पर मजबूर कर दे रहा है।
डिस्पोजल पैकेट में पैक होकर जाता है खाना
महिला उद्यमी निहारिका मेहरा कपड़ों के ब्रांड तिलहोत्री की मालिक हैं। 34 वर्षीय निहारिका बताती हैं कि बढ़ते कोरोना संक्रमित मामलों को देख महसूस किया कि इस बीमारी ने बहुत से परिवारों को चपेट में ले लिया है। लोगों को खाना बनाने में असुविधा हो रही है। इसी पीड़ा के चलते अपनी बहन निधि के साथ निशुल्क खाने के वितरण की पहल की।
उनके पास काफी संख्या में ऐसे लोगों की फोन आ रहे हैं जो कोरोना से संक्रमित होने के चलते खाने का प्रबंध नहीं कर पा रहे है। खाना डिस्पोजल पैकेट में पैक होकर जाता है, जिसे संक्रमित व्यक्ति के दरवाजे पर पहुंचा दिया जाता है। हालांकि, एक बार खाना गेट पर रखे जाने के बाद उस खाने के पैकेट को दोबारा वापस नहीं लिया जाता है। हर दिन 50 से 80 संक्रमित लोगों को घर तक खाना पहुंचाया जा रहा हैं।
हर दिन दो वक्त का खाना पहुंचाया जा रहा
निहारिका ने बताया कि कोरोना संक्रमित लोगों तक फिलहाल अभी दो वक्त का खाना भिजवाया जा रहा है। भोजन पहुंचाने को उन्होंने एक व्यक्ति हायर किया है। जो लोग भोजन के लिए मदद देने को संपर्क करते हैं। उन्हें यही सुझाव दिया जाता है कि अपनी सोसायटी में इस नेक कार्य की शुरुआत करें। प्रेरित होकर अन्य लोग भी मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने की पहल कर रहे हैं। उन्होंने शहर के सामाजिक संगठनों से भी अपील की है कि यह वक्त लोगों की मदद करने का है। कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए इसकी जिम्मेदारी सभी को उठानी चाहिए।