गौतमबुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष इंदर प्रधान का दावा, विधानसभा चुनाव में इतिहास बनाएगी सपा
इंदर प्रधान ने कहा कि इस बार समाजवादी पार्टी गौतमबुद्ध नगर में इतिहास बनाएगी। भाजपा से लोग नाराज हैं। किसानों का कोई काम नहीं हुआ। विकास और रोजगार के नाम पर लोगों को ठगा गया। सपा ने किसानों मजदूरों कारोबारी व व्यापारियों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल कराया।
नोएडा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। समाजवादी पार्टी ने कुछ दिन पहले गौतमबुद्ध नगर में अपना जिलाध्यक्ष बदला है। किसान नेता के रूप में पहचान रखने वाले युवा नेता इंदर प्रधान को अब जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इंदर प्रधान गुर्जरों में भाटी गोत्र के मजबूत क्षेत्र अठगईयां के पल्ला गांव से ताल्लुक रखते हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सपा की कैसी तैयारियां हैं, इस संबंध में दैनिक जागरण के ब्यूरो प्रभारी धर्मेंद्र चंदेल ने बातचीत की। प्रस्तुत है उसके प्रमुख अंश..
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में आपकी क्या तैयारियां हैं?
-आप तय मानिए, इस बार समाजवादी पार्टी गौतमबुद्ध नगर में इतिहास बनाएगी। भाजपा से लोग नाराज हैं। किसानों का कोई काम नहीं हुआ। विकास और रोजगार के नाम पर लोगों को ठगा गया। सपा ने किसानों, मजदूरों, कारोबारी व व्यापारियों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठाकर हल कराया। सपा की बूथ स्तर तक मजबूती होगी। दादरी और जेवर विधानसभा क्षेत्र में साढ़े नौ सौ बूथ हैं। प्रत्येक पर मजबूती से कार्य होगा। दूसरे दलों के एक हजार से अधिक कार्यकर्ता सपा में आने को तैयार हैं।
क्या जिला स्तर पर संगठन के सभी पद भरे जा चुके हैं?
-देखिए, मुङो चार दिन पहले ही यह जिम्मेदारी मिली है। पूर्व में संगठन के सभी पद भरे हुए हैं। धरातल पर कड़ी मेहनत करने वाले पदाधिकारियों की जिम्मेदारी जारी रहेगी। कसौटी पर खरे नहीं उतरने वालों को दूसरी जिम्मेदारी दी जाएंगी।
चुनाव आप लड़ेंगे या नहीं, आपके जनपद में वीआइपी प्रत्याशी कौन होगा
-मैं चुनाव नहीं लडूंगा। पार्टी हाईकमान प्रत्याशी तय करेगा। सपा में वीआइपी कल्चर नहीं है। आम जनता में से ही प्रत्याशी होगा।
पिछली बार आपकी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इस बार के प्रदर्शन को लेकर क्या कहना है।
-हां यह बात सही है कि पिछली बार अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा। मैं पहले ही कह चुका हूं, इस बार सपा जिले की सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी।
अपना प्रमुख प्रतिद्वंद्वी किस दल को मानते हैं और क्यों, कठिन सीट किसे मानते हैं?
-देखिए, समूचे प्रदेश में बसपा खत्म हो चुकी है। उसके पास टिकट मांगने वाली लोग भी नहीं बचे हैं। कांग्रेस की भी बुरी स्थिति है। समाजवादी पार्टी का मुकाबला भाजपा से होगा। भाजपा की गलत नीतियों का विरोध करने का दम सिर्फ सपा में है। चुनाव में सभी सीटों को कठिन मनाकर कार्यकर्ता मैदान में उतरेंगे।