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Home Isolation Guideline: दिल्ली की तरह नोएडा-गाजियाबाद में भी कोरोना मरीज घर पर रहकर करा सकेंगे इलाज

Home Isolation Rules पिछले काफी समय से लगातार मांग हो रही थी कि सरकार बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था करे।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 05:26 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 05:26 PM (IST)
Home Isolation Guideline: दिल्ली की तरह नोएडा-गाजियाबाद में भी कोरोना मरीज घर पर रहकर करा सकेंगे इलाज

नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। Home Isolation Guidelines: उत्तर प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को बड़ी राहत प्रदान की है। ताजा बदलाव के तहत योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) ने होम आइसोलेशन (Home Isolation) को लेकर सहमति जता दी है। इसी के साथ सीएम योगी ने अधिकारियों को होम आइसोलेशन को लेकर नई गाइडलाइन  बनाने का आदेश दिया है। सीएम ने कहा है कि जल्द से जल्द होम आइसोलेशन की गाइडलाइन (Home Isolation Guideline) बनाकर जारी की जाए।

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गौरतलब है कि पूरे उत्तर प्रदेश में किसी भी जिले में होम आइसोलेशन की मनाही है, सभी कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को  सरकार द्वारा तय अस्पतालों में आइसोलेशन सेंटर में ही इलाज करना पड़ता है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में लंबे समय से इसका मांग उठ रही थी। अगले कुछ दिनों में इस बाबत जिला प्रशासन की ओर से गाइडलाइन भी जारी हो सकती है। 

गौतमबुद्धनगर में बेड की कमी नहीं

जिला प्रशासन की मानें तो कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए गाजियाबाद हो या गौतमबुद्धनगर में आइसोलेशन सेंटर और अस्पतालों की कमी नहीं है।

होम आइसोलेशन के पीछे ये हैं तर्क

  • होम आइसोलेशन के दौरान घर में ही अलग रहकर वह खुद को परिवार के करीब पाता है।
  • कुछ लोग होम सिकनेस (Home Sickness) के शिकार होते हैं, ऐसे लोग आइसोलेशन सेंटर में खुद को असुरक्षित और भयभीत महसूस करते हैं।
  • सक्षम लोगों की मांग थी कि उन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा मिले।
  • होम आइसोलेशन के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों के साथ संपर्क में रहना होगा।
  • अगर कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें कोविड अस्पतालों में रेफर किया जाएगा।
  • दिल्ली सरकार ने तो होम आइसोलेशन वाले मरीजों को ऑक्सीजन पल्स मीटर भी उपलब्ध करवाए हैं। इसमें मरीज हर दो घंटे में अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करता है। अगर लेवल कम होता दिखे तो तुरंत बताए गए नंबरों पर फोन करना है। इसी के साथ सरकार ने घर पर ही ऑक्सीजन का प्रबंध किया और जरूरत होने पर हॉस्पिटल शिफ्ट करने का भी इंतजाम किया।
  • ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए दिल्ली के प्रत्येक जिला स्तर पर ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए व्यवस्था की गई है। 

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