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Coronavirus Case in UP: कहीं महाराष्ट्र का धारावी न बन जाएं नोएडा की झुग्गियां, अब तक 36 केस

Coronavirus Case in UP नोएडावासी अब इसे मुंबई में सबसे घनी आबादी वाली झुग्गी-झोपड़ी का इलाका धारावी मानने लगे हैं। जहां प्रतिदिन दर्जनों पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 09:21 AM (IST)
Coronavirus Case in UP: कहीं महाराष्ट्र का धारावी न बन जाएं नोएडा की झुग्गियां, अब तक 36 केस
Coronavirus Case in UP: कहीं महाराष्ट्र का धारावी न बन जाएं नोएडा की झुग्गियां, अब तक 36 केस

नोएडा, जागरण संवाददाता Coronavirus Case in UP: नोएडा के सेक्टर-8 स्थित जेजे कालोनी व उसके आसपास के क्षेत्र में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या स्वास्थ्य विभाग के लिए ¨चता का विषय है। क्षेत्र में अब तक 36 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। शहरवासी अब इसे महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में सबसे घनी आबादी वाली झुग्गी-झोपड़ी का इलाका धारावी मानने लगे हैं। जहां प्रतिदिन दर्जनों पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर-8 को मुंबई का धारावी बनने से रोकने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार किया है। स्वास्थ्य शिविर: स्वास्थ्य कैंप लगाकर यहां कोरोना संदिग्ध या हल्के फुलके लक्षणों वाले मरीजों को जांच के लिए बुलाया जाएगा। संक्रमित और संदिग्ध मरीजों के लिए अलग सेक्शन बनाए जाएंगे। इनमें आने-जाने का रास्ता अलग होगा, ताकि जिनके टेस्ट निगेटिव आएं उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके। 14 दिन के अंदर तीन बार हर व्यक्ति की स्क्री¨नग की जाएगी।

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मोबाइल वैन में नमूना

क्षेत्र में एक मोबाइल मेडिकल वैन तैनात की जाएगी। जहां स्वास्थ्यकर्मियों की एक टीम संदिग्ध का नमूना लेगी। रिपोर्ट आने तक मरीजों को होम क्वारंटाइन रखा जाएगा। पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर 108 एंबुलेंस के जरिये मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जाएगा।

60 वर्ष से ऊपर वालों का रिकॉर्ड

60 वर्ष से ऊपर वालों का एक अलग डेटाबेस बनाया जाएगा। लोगों के स्वास्थ्य की नियमित रूप से निगरानी सुनिश्चित कराई जाएगी। आयुष मंत्रालय की गाइडलाइंस के जरिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सभी को आरोग्य सेतु ऐप के बारे में बताया जाएगा। मोबाइल सर्विलांस से निगरानी:पॉजिटिव के मिलने पर उसके संपर्क में आए लोगों को सर्विलासं के जरिए ट्रेस किया जाएगा। संपर्क में सभी लोगों को होम क्वारंटाइन किया जाएगा। ट्रे¨सग के लिए पुलिस की मदद ली जाएगी।

अब तक तीन हजार की जांच

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि प्लान पर काम शुरू हो गया है। चूंकि तंग गलियों में बने छोटे-छोटे घरों में कई-कई लोग रहते हैं। इससे इन जगहों पर पहुंचना आसान नहीं है। इसलिए अब लोगों को स्वास्थ्य कैंप में बुलाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक तीन हजार से अधिक की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।


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