यमुना प्राधिकरण के लिए जमीन की अड़चन दूर करेगी कंपनी, मांगे गए आवेदन
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि लैंड मैनेजमेंट सिस्टम के लिए कंपनी चयन की प्रक्रिया चल रही है। कंपनी प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र अधिगृहीत जमीन का ब्योरा एकत्र व जमीन अधिग्रहण आदि का प्रस्ताव तैयार करेगी।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। यमुना प्राधिकरण अपने क्षेत्र में अधिसूचित एवं कब्जा प्राप्त जमीन का ब्योरा व्यवस्थित करेगा। जमीन खरीदने के लिए किसानों की रजामंदी लेने का काम भी निजी कंपनी को सौंपा जाएगा। लैंड मैनेजमेंट सिस्टम के जरिये इसे अंजाम दिया जाएगा। प्राधिकरण ने लैंड मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करने के लिए कंपनी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं।
यमुना प्राधिकरण को परियोजनाओं के लिए जमीन की कमी होने लगी है। मास्टर प्लान में शामिल कब्जा प्राप्त ज्यादातर जमीन प्राधिकरण विभिन्न योजनाओं में आवंटित कर चुका है। नई योजनाओं के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण लैंड मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने जा रहा है। इसके लिए निजी कंपनी की सेवाएं ली जाएंगी। कंपनी को कम से काम पांच वर्ष के लिए नियुक्त किया जाए।
कंपनी प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र की जमीन का पूरा ब्योरा एकत्र करेगी। इसके तहत यह पता लगाया जाएगा कि प्राधिकरण के गजट, राजस्व रिकार्ड व वास्तविकता में मौके पर कितनी जमीन उपलब्ध है। मास्टर प्लान के तहत आने वाली कितनी जमीन प्राधिकरण खरीद या अधिग्रहण कर चुका है। अधिगृहीत जमीन का लेआउट, उसका सत्यापन एवं ब्योरा, जीएस मैपिंग आदि का कार्य निजी कंपनी करेगी।
इसके साथ ही कंपनी को यह जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी कि वह लैंड पॉलिसी के लिए किसानों को जागरुक करे। प्राधिकरण को सुझाव देगी कि योजनाओं के लिए किसानों से जमीन में लैंड पूलिंग, अधिग्रहण या सहमति से क्रय, तीनों में कौन सा मॉडल बेहतर होगा। जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार करने के अलावा सहमति से जमीन क्रय करने का कार्य में भी कंपनी की सेवाएं ली जाएंगी। फेज एक व दो दोनों के लिए कंपनी जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। कंपनी को पंद्रह दिनों में आवेदन करना होगा।
1189 गांव हैं अधिसूचित
यमुना प्राधिकरण में गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा, आगरा जिलों के 1189 गांव अधिसूचित हैं। फेज एक में बुलंदशहर व गौतमबुद्धनगर के 96 गांव शामिल हैं। इसमें करीब 29 गांवों में जमीन खरीदी या अधिगृहीत की गई है।
कई प्रदेश में कंपनी की ली जा रही सेवाएं
लैंड मैनेजमेंट सिस्टम के लिए कई प्रदेशों में निजी कंपनी की सेवाएं ली जा रही हैं। गुजरात, आंध्र प्रदेश आदि राज्य इसमें शामिल हैं। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि लैंड मैनेजमेंट सिस्टम के लिए कंपनी चयन की प्रक्रिया चल रही है। कंपनी प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र, अधिगृहीत जमीन का ब्योरा एकत्र व जमीन अधिग्रहण आदि का प्रस्ताव तैयार करेगी।
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