कमिश्नर प्रणाली लागू : अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्नैचरों की आएगी शामत, जानिए कैसे
उम्मीद है कि पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे और अपराध पर अंकुश लग सकेगा।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। जिले में कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ गई है। पिछले 23 सालों से जिले में तैनात रहे अलग-अलग एसएसपी द्वारा पुलिस बल की मांग की गई। अब एक साथ 1600 पुलिसकर्मियों की तैनाती गौतमबुद्ध नगर जिले में की गई है। उम्मीद है कि पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे और अपराध पर अंकुश लग सकेगा।
पुलिस की कमी से बढ़े थे अपराधियों के हौसले
पुलिस बल की कमी के चलते ही अपराधियों के हौसले बुलंद रहते थे और बदमाश ताबड़तोड़ घटनाओं को अंजाम देते थे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट पर विशेष फोकस किया गया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
गौतमबुद्धनगर की 1997 को हुई थी स्थापना
दरअसल, गौतमबुद्धनगर जिले की स्थापना वर्ष 1997 में की गई। जिला बनने के बाद से पुलिस बल की कमी हमेशा से यहां रही। लेकिन वर्ष 2020 के शुरुआती 14 दिनों ने पूरी तस्वीर बदल कर रख दी है। 1600 पुलिसकर्मियों की तैनाती जिले में की गई है।
सबसे ज्यादा सिपाही बढ़े
जिसमें सबसे अधिक संख्या सिपाहियों की है। पुलिस बल बढ़ने के साथ ही सड़कों पर लोग खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। जिले में सबसे बड़ी समस्या स्नैचिंग है। अक्सर बदमाश मोबाइल, नकदी या चेन लूट कर भाग जाते है। इसका मुख्य कारण सुनसान सड़कें और वहां पुलिस की मौजूदगी नहीं होना है।
नरेश भाटी और सुंदर भाटी गिरोह का रहा दबदबा
वर्ष 1997 में गौतमबुद्ध नगर जिला बनने के बाद कुख्यात नरेश भाटी व सुंदर भाटी गिरोह जिले में सक्रिय हुए। जिले में उद्योगों को बढ़ावा मिला, लेकिन पुलिस बल नहीं बढ़ा। इसका फायदा बदमाशों ने उठाया और ताबड़तोड़ घटनाओं को अंजाम दिया। यदि जिला बनने के बाद ही पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाती तो अपराध पर पहले ही कुछ हद तक अंकुश लग सकता था।