College Admission 2020 : कॉलेजों में ले रहे प्रवेश पर हास्टल से बना रहे दूरी
नॉलेज पार्क के कॉलेज व विवि में लगभग सत्तर हजार से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। कॉलेजों में प्रवेश के लिए छात्र देश के विभिन्न हिस्सों से आते हैं। छात्रों की सुविधा के लिए ज्यादातर कॉलेजों ने अपने यहां पर हास्टल बनाया हुआ है।
ग्रेटर नोएडा, मनीष। डाॅॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। प्रवेश लेने वाले छात्र कॉलेज या निजी हास्टल में रहते हैं। विभिन्न कोर्स करने के लिए छात्र काॅलेज में दाखिला तो ले रहे हैं, लेकिन हास्टल में रहने की इच्छा नहीं जता रहे हैं। ऐसे में हास्टल संचालकों को लग रहा है कि यह सत्र उनके लिए नुकसान भरा होगा।
नॉलेज पार्क के लगभग सत्तर हजार से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं
नॉलेज पार्क के कॉलेज व विवि में लगभग सत्तर हजार से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। कॉलेजों में प्रवेश के लिए छात्र देश के विभिन्न हिस्सों से आते हैं। छात्रों की सुविधा के लिए ज्यादातर कॉलेजों ने अपने यहां पर हास्टल बनाया हुआ है, लेकिन उनके हास्टल की क्षमता कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों के हिसाब से कम होती है।
इस कारण छात्र लेते हैं निजी हास्टल
इस कारण बड़ी संख्या में निजी हास्टल भी हैं। जिन छात्रों को कॉलेज के हास्टल में कमरा नहीं मिल पाता है वह निजी हास्टल का रुख करते हैं। कॉलेजों में ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। पूर्व में जो छात्र प्रवेश के लिए आते थे वह दाखिला लेने के साथ ही वह हास्टल की भी बुकिंग कर देते थे, लेकिन इस बार छात्र सिर्फ कोर्स में ही प्रवेश ले रहे हैं। जिसका प्रमुख कारण है कि कोरोना संक्रमण के कारण ऑनलाइन संचालित होने वाली कक्षाओं की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।
ऑनलाइन कक्षा के कारण भी कमी
छात्रों को लग रहा है यदि आगे भी इसी प्रकार से ऑनलाइन कक्षाएं ही चलती रही तो हास्टल बुक कराने से पैसा बर्बाद हो जाएगा। बुकिंग न होने से निजी हास्टल संचालकों को अधिक नुकसान हो रहा है। जिसका प्रमुख कारण है उनके द्वारा लाखों रुपए प्रतिमाह के किराए पर हास्टल लिया जाता है। उनके द्वारा हास्टल किराए पर लेने का एग्रीमेंट कई साल का तैयार होता है। इस कारण उन्हें अधिक नुकसान हो रहा है। निजी हास्टल संचालक कार्तिकेय का कहना है हास्टल का एक वर्ष का किराया पहले ही जमा करा दिया जाता है। ऐसे में इस बार पूरा नुकसान हो गया। अभी तक छात्रों ने हास्टल बुक कराना शुरू भी नहीं किया है। अगला पूरा सत्र खराब होने का डर सता रहा है। पिछले सत्र में हुए नुकसान व अगले सत्र की स्थिति को देखते हुए हास्टल के मालिक से वार्ता चल रही है। उम्मीद है राहत मिलेगी।
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