Police Commissioner System लागू होने के 48 घंटे के भीतर जलती मिलीं गैंगस्टर-गुंडा एक्ट की फाइल
Police Commissioner System in gautam budh nagar मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा स्थित कमिश्नर ऑफिस के पीछे मंगलवार सुबह गैंगस्टर और गुंडा एक्ट की फाइलें जलती मिलीं।
ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख जिलों लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था (Police Commissioner System) लागू होने के 28 घंटे के भीतर ग्रेटर नोएडा शहर से बड़ी खबर आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा स्थित कमिश्नर ऑफिस के पीछे मंगलवार सुबह गैंगस्टर और गुंडा एक्ट की फाइलें जलती मिलीं। इसकी खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इन महत्वपूर्ण फाइलों में आग किसने और क्यों लगाई गई है? इस संबंध में पुलिस अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। बता दें कि इससे पहले ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर स्थित जिला कमांडेंट होमगार्ड कार्यालय में मस्टर रोल में आग लगा दी गई थी। जिन मस्टर रोल में आग लगाई गई वे होमगार्ड वेतन घोटाले से जुड़े थे। इसकी भी जांच जारी है, लेकिन इस बारे में कई बड़े अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की जा चुकी है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गौतमबुद्धनकर जिले के गैंगस्टर निजामुद्दीन मलिक समेत 55 आरोपितों की गिरफ्तारी पर रोक लगा चुका है। वहीं, इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को भी जवाब-तलब किया है। इस बाबत कोर्ट ने गौतमबुद्धनगर जिले के जिलाधिकारी बीएन सिंह से हलफनामा भी मांगा है। मामले में यह आदेश इलाहाबाद कोर्ट के न्यायाधीश न्यामूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने दिया है। अब इस याचिका पर 26 फरवरी को अगली सुनवाई होगी।
वहीं, याचिकाकर्ता के वकील अनूप त्रिवेदी के मुताबिक, याची निजामुद्दीन मलिका और 54 अन्य आरोपितों पर बिना किसी वजह के ही गैंगस्टर लगा दिया, जबकि इन लोगों का कोई आपराधिका रिकॉर्ड भी नहीं है।
बता दें कि निजामुद्दीन मलिक और अन्य 54 लोगों को सुंदर भाटी गैंग का सदस्य बताते हुए नोएडा पुलिस ने सभी पर गैंगस्टर की कार्रवाई की। मामला इलाहाबाद कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने इस मामले में पूरी जांच पूरी होने तक याचीगण की गिरफ्तारी नहीं करने का निर्देश दिया है।