रिटायर्ड IAS नेतराम पर शिकंजा कसने के बाद मायावती के करीबी अफसरों में मची खलबली
मायावती के करीबी आईएएस के खिलाफ हुई कार्रवाई ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व आधिकाररियों में हड़कंप का माहौल बना दिया है।
नोएडा [कुंदन तिवारी]। बसपा शासनकाल (वर्ष 2007 से 2011) में सरकारी खजाने को लूट खसोट करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। मंगलवार को जांच एजेंसियों ने बसपा सुप्रीमो के खास आईएएस अधिकारी नेतराम की संपत्ति को नोएडा, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में अटैच कर दिया। इससे पहले बसपा सु्प्रीमो के भाई आंनद की बेनामी संपत्ति नोएडा में अटैच किया गया था। जाहिर है जांच एजेंसियों की रडार पर बसपा शासन काल का पूरा सिंडीकेट आ चुका है।
इसमें नोएडा प्राधिकरण के कई आईएएस, पीसीएस अधिकारियों समेत कर्मचारी भी शामिल है, इस कार्रवाई के बाद अब बैचेनी बढ़ चुकी है।
बसपा सरकार में हुआ था सरकारी राजस्व का नुकसान
दरसअल, बसपा शासन काल में योजनाओं के नाम पर सिर्फ सरकारी खजाने को खाली किया गया, बल्कि सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया। इसका खामियाजा नोएडा प्राधिकरण समेत लाखों लोगों को भुगत रहे है, बिल्डर खरीदार का मुद्दा सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। इसी शासनकाल में बिल्डर्स को लाभ पहुंचाया गया। लाभ के एवज में सिंडीकेट के खातों में अरबो रुपये जमा कराए गए। अब इन सभी फाइलों की जांच की जा रही है।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ हो रही जांच
बता दें वर्तमान में प्राधिकरण में सीबीआई, सीबीसीआईडी, आयकर विभाग, ईडी, सीरियस फ्रॉड ऑफिस, कैग की जांच चल रही है। यह बसपा शासन काल से जुड़ी फाइलों को खंगालने का काम कर रही है। यहां जालसाजी में अधिकांश के तार बसपा शासन के जुड़े मिल रहे है। इस कड़ी में कई अधिकारियों से पूछताछ हो चुकी है। जल्द ही कई बड़े आईएएस अधिकरियों पर शिकंजा कसता दिखेगा।
हाल ही में सरकार ने वर्ष 2007 से 2011 तक तैनात अधिकारी कर्मचारी की सूची तलब की है। साथ यह भी ब्योरा मांगा है कि यह सभी अधिकारी उस समय कौन-कौन से विभागों का काम देख रहे थे। किस किस ने कौन कौन से टेंडर या अन्य कार्यो को पूरा कराने में अपना सहयोग दिया।
नोएडा-कानपुर-गोरखपुर तक तैनात तमाम अधिकारी-कर्मचारी
बसपा शासन काल में मलाई काटने वाले तमाम अधिकारी व कर्मचारी मौजूदा समय में नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों में ही नहीं तैनात है, बल्कि कानपुर-गोरखपुर तक तमाम अधिकारियों की तैनाती है। जो इस कार्रवाई को बड़ी ही बारीकी से देख रहे है। जिस प्रकार से जांच एजेंसियां काम कर रही है, उन्हें भी अपना नंबर आता दिखाई दे रहा है। मंगलवार को शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया, क्योंकि तमाम सेवानिवृत्त अधिकारी एक दूसरे से संपर्क कर मामले की टोह लेते नजर आए कि कौन कौन सी बेनामी संपत्ति अटैच हुई है लेकिन कोई भी कुछ नाम लेने को तैयार नहीं था।
बसपा सरकार का टूटेगा पूरा सिंडिकेट
खास बात यह है कि बसपा शासन का कोई भी अधिकारी या घोटाला खुलता है उसके तार नोएडा से जुड़े मिलते है। यानी नोएडा को ही आधार बनाकर घोटाले व भ्रष्ट्राचार की नीवं रखी गई। ऐसे में सीरियस फ्राड ऑफिस की बसपा प्रमुख मायावती के करीबी आईएएस के खिलाफ हुई कार्रवाई ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व आधिकाररियों में हड़कंप का माहौल बना दिया है।
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