Move to Jagran APP

यूपी चुनाव 2022 में क्या होगी पार्टी की रणनीति? भाजपा नेता मोहित बेनीवाल ने किया खुलासा

UP Assembly Election 2022 भारतीय जनता पार्टी ने पूरे प्रदेश में बूथ प्रबंधन को मजबूत किया है। हर बूथ पर 21 सदस्यीय समिति बनाई गई है। शक्ति केंद्र बनाए हैं। युवाओं को पार्टी से जोड़ा जा रहा है।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 12:07 PM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 12:07 PM (IST)
यूपी चुनाव 2022 में क्या होगी पार्टी की रणनीति? भाजपा नेता मोहित बेनीवाल ने किया खुलासा
यूपी चुनाव 2022 में क्या होगी पार्टी की रणनीति? भाजपा नेता मोहित बेनीवाल ने किया खुलासा

नोएडा।  उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हो चुकी है। राजनीतिक पार्टियों ने संगठन को कसने के साथ चुनावी समीकरणों को साधना शुरू कर दिया है। सोमवार को ग्रेटर नोएडा से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बूथ विजयी अभियान का आगाज करना था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। किसान आंदोलन के बीच विधानसभा चुनाव में भाजपा की क्या रणनीति होगी। इस संबंध में दैनिक जागरण संवाददाता धर्मेंद्र चंदेल ने भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल से बातचीत की। प्रस्तुत हैं इसके अंश :

loksabha election banner

नए कृषि कानून के विरोध में किसान कई माह से आंदोलन कर रहे हैं, विधानसभा चुनाव में भाजपा की संभावनाओं पर इसका कितना असर पड़ेगा?

-देखिये, यह किसानों का आंदोलन नहीं है। यह पूरी तरह राजनीति से प्रेरित आंदोलन है। कांग्रेस, सपा, बसपा व वामपंथी विचारधारा के लोग आंदोलन कर रहे हैं। इनका मकसद किसानों का हित नहीं है। ये लोग देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। भाजपा ने किसानों से सीधा संवाद कर उन्हें नए कृषि कानून के लाभ बताए हैं। किसान कानून पर सहमत हैं, इसलिए विधानसभा चुनाव पर आंदोलन का कोई असर नहीं पड़ेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 80 फीसद गन्ना किसान हैं। आंदोलन करने वालों की मांगों से गन्ना किसानों का कोई सरोकार नहीं है।

सिसौली में किसानों ने भाजपा विधायक से बदसुलूकी की, क्या यह किसानों की नाराजगी नहीं बताता है?

-देखिए, जनमानस को यही समझना होगा। विधायक के साथ हुई बदसुलूकी किसानों ने नहीं की, बल्कि आंदोलन से जुड़े लोगों ने की। इससे इन लोगों की विचारधारा, मानसिकता भी सबके सामने आ गई है। आप समझ सकते हैं कि इस मानसिकता के लोग देश, प्रदेश को किस दिशा में ले जाएंगे। देश को कैसा बनाना चाहते हैं।

क्या पश्चिमी उप्र में जाट मतदाता भाजपा से नाराज हैं। इसका चुनाव पर कितना असर पड़ेगा?

-जाटों की भाजपा से कोई नाराजगी नहीं है, बल्कि 2013 में हुए मुजफ्फरनगर कांड के बाद से जाट भाजपा के साथ मजबूती से खड़े हैं। पश्चिमी उप्र की 14 में से 13 जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीते। ब्लाक प्रमुख की 109 में से 96 सीटों पर भाजपा की जीत ने यह साबित कर दिया कि पश्चिमी उप्र के लोग भाजपा के साथ हैं।

कहीं ऐसा तो नहीं, जाटों के मनाने में भाजपा दूसरी बिरादरियों की अनदेखी कर रही है?

-भाजपा ने हमेशा से सामाजिक समरसता को प्राथमिकता दी है। पंचायत चुनाव में भी पार्टी ने सामाजिक समीकरण का पूरा ध्यान रखा है। पिछली बार भी जाट बिरादरी से छह जिला पंचायत अध्यक्ष थे, इस बार भी छह हैं। गुर्जर बिरादरी से पिछली बार दो जनपदों में जिला पंचायत अध्यक्ष थे। इस बार तीन जिलों में भाजपा समर्थित गुर्जर प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष बने हैं। ठाकुर, यादव, अनुसूचित जाति, त्यागी बिरादरी से भी भाजपा समर्थित अध्यक्ष बने हैं। राजनीति में योग्य, पढ़े लिखे लोगों को मौका दिया है। देश में राजनीति की दिशा बदली है, नई रेखा खींची है।

2022 को लेकर पार्टी की क्या रणनीति है?

-भाजपा ने बूथ प्रबंधन को मजबूत किया है। हर बूथ पर 21 सदस्यीय समिति बनाई गई है। शक्ति केंद्र बनाए हैं। युवाओं को पार्टी से जोड़ा जा रहा है। भाजपा प्रदेश में 350 सीटों पर जीत हासिल करेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.