कार यात्रा सर्विस और ई-बाइक के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाले गिरफ्तार, पशुपालन विभाग के निदेशक का भी नाम
कार यात्रा सर्विस और ई-बाइक के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी के आरोप में छह लोगों के खिलाफ फेज-तीन पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसमें लखनऊ पशुपालन विभाग के निदेशक का भी नाम सामने आ रहा है।
नोएडा, जागरण संवाददाता। कार यात्रा सर्विस और ई-बाइक के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी के आरोप में छह लोगों के खिलाफ फेज-तीन पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसमें लखनऊ पशुपालन विभाग के निदेशक का भी नाम सामने आ रहा है। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी भी की है। पुलिस के अनुसार अगर दोनों आरोपित गिरफ्तार नहीं होते तो कुछ दिन बाद यह बाइक बोट जैसा बड़ा घोटाला हो जाता। आरोपितों की पहचान ग्रेटर नोएडा बीटा-टू के स्टेलर एमआइ सिटी होम निवासी ठगी के मास्टरमाइंड दीपक चौधरी और विपिन तोमर के रूप में हुई है।
आरोपितों ने कार यात्रा सर्विसेज नाम की एक कंपनी बनाई थी। इसमें निवेशकों को लालच दिया जाता था कि तीन लाख रुपये जमा करने पर निवेशक के नाम से कंपनी एक गाड़ी निकलवाएगी और इसके एवज में निवेशकों को 25 हजार रुपये हर माह देगी। दोनों आरोपित सरकारी अधिकारियों के लिए कार लगवाने का ठेका मिलने की बात कहकर लोगों को झांसा देते थे और कार खरीदने के बदले तीन लाख रुपये निवेश करने का प्लान समझाते थे। पुलिस ने आरोपितों के पास से एक कार और आइफोन बरामद किया है।
सेंट्रल नोएडा एडिशनल डीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में मास्टरमाइंड सहित दो लोगों को शनिवार को सेक्टर- 62 गोल चक्कर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों ने नोएडा के सेक्टर-63 के सी-87 में कार यात्रा सर्विस के नाम से कंपनी का आफिस बनाया था। आरोपितों ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के नाम से फर्जी सर्टिफिकेट भी बनवाया था। लोगों को बताते थे कि परिवहन निगम से उनका सौ गाड़ियों के लिए अनुबंध हुआ है। अनुबंध के तहत उन्हें अभी सौ कार का ठेका मिला है, जो कुछ दिन बाद चार सौ और कार लगाने का ठेका मिल जाएगा। ये कार आर्थिक अपराध शाखा मेरठ और लखनऊ कार्यालय के अधिकारियों के लिए चलाई जाएंगी।
ग्रेटर नोएडा की पीडि़ता रितु चौधरी ने बताया कि सितंबर 2020 में नौ लाख रुपये अपने और तीन लाख रुपये भाई से लेकर चेक के माध्यम से दीपक चौधरी को दे दिए। 12 लाख रुपये दीपक चौधरी ने कंपनी के खाते में डाल कर खुद निकाल अपने खाते में डाल लिए। बाद में धीरे-धीरे कई बार में रितु चौधरी से आरोपितों ने कार यात्रा सर्विस कंपनी में निवेश के नाम पर वर्ष 2019 से 2021 के बीच में दो करोड़ छह लाख 50 हजार रुपये जमा कराए।
आरोप है कि रिटर्न के नाम पर पीड़िता को कुल 23 लाख 50 हजार रुपये लौटाए। आरोपितों का लक्ष्य हर साल 100 से अधिक लोगों से ठगी करने का था। आरोपितों ने पूछताछ के दौरान बताया कि इस काम के लिए उन्होंने कुछ एजेंट भी बनाए थे। तीन से चार लाख रुपये का जो एजेंट निवेशक से दिलवाता था, उसे बदले में आरोपित एक लाख रुपये दे देते थे। महज एक साल के भीतर 40 से अधिक एजेंट इससे जुड़ गए।