NBCC ने प्राधिकरण से मांगा आम्रपाली बिल्डर की संपत्तियों का ब्यौरा Noida News
सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली बिल्डर मामले की अगली सुनवाई पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपना पक्ष मजबूती से रखेगा। ताकि बिल्डर से बकाया रकम वसूली के लिए उसके पक्ष में आदेश हो सके।
ग्रेटर नोएडा, जेएनएन। आम्रपाली बिल्डर की अधूरी परियोजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एनबीसीसी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए एनबीसीसी बिल्डर की उन संपत्ति का ब्यौरा एकत्र कर रहा है। जिससे वह परियोजनाओं के लिए रकम जुटाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से बिल्डर से जुड़ी संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है। प्राधिकरण के अधिकारी इसे तैयार करने में जुट गए हैं।
अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए करीब साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एनबीसीसी की बिल्डर की संपत्ति एवं निवेशकों से 11 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। सुप्रीम कोर्ट ने 42 हजार निवेशकों को राहत देते हुए आम्रपाली बिल्डर की अधूरी योजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को सौंपी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आम्रपाली बिल्डर को छह आवासीय योजनाओं के लिए विभिन्न सेक्टरों में 305 एकड़ जमीन आवंटित की थी। इसके अलावा प्राधिकरण ने बिल्डर को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कामर्शियल समेत कई अन्य भूखंड भी आवंटित किए हैं।
बिल्डर की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का दारोमदार इन संपत्तियों पर ही टिका है। एनबीसीसी बिल्डर की संपत्ति को बेचकर अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रकम जुटाएगा। इसलिए एनबीसीसी ने बिल्डर की संपत्ति का ब्यौरा एकत्र करना शुरू कर दिया है। उसने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से बिल्डर की संपत्ति की जानकारी मांगी है। इसके तहत बिल्डर को विभिन्न श्रेणी में आवंटित भूखंडों की जानकारी मांगी है। इन भूखंडों पर निर्माण, नक्शा स्वीकृति, भुगतान, बकाया आदि की जानकारी भी मांगी है। प्राधिकरण के अधिकारी इस ब्यौरे को तैयार करने में जुटे हैं। इसे जल्द ही एनबीसीसी को सौंपा जाएगा।
प्राधिकरण का भी 34 सौ करोड़ रुपये बिल्डर पर है बकाया
आम्रपाली बिल्डर पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का 3439.13 करोड़ रुपये बकाया है। प्राधिकरण ने आवासीय परियोजनाओं के लिए बिल्डर को 305.7 एकड़ जमीन आवंटित की थी। इसके एवज में बिल्डर ने प्राधिकरण को मात्र 376.85 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया। किस्तों के साथ बिल्डर को 2193.07 करोड़ रुपये का और भुगतान करना था। किसानों को वितरित करने के लिए अतिरिक्त मुआवजे के 518.95 करोड़ रुपये का भी बिल्डर ने प्राधिकरण को भुगतान नहीं किया। इससे बिल्डर पर प्राधिकरण का बकाया करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये तक हो चुका है। बिल्डर से अपनी बकाया वसूली के लिए प्राधिकरण की निगाह भी उसकी संपत्ति पर टिकी है।
अगली सुनवाई पर मजबूती से रखेगा प्राधिकरण अपना पक्ष
सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली बिल्डर मामले की अगली सुनवाई पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपना पक्ष मजबूती से रखेगा। ताकि बिल्डर से बकाया रकम वसूली के लिए उसके पक्ष में आदेश हो सके। प्राधिकरण पर सात हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। आम्रपाली बिल्डर से बकाया रकम न मिलने पर प्राधिकरण की हालत बेहद खराब हो जाएगी। शहर के विकास की योजनाएं ठप हो जाएंगी।
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