सरकारी अनुमति के बाद सीओसी में एनबीसीसी रखेगी अपना प्लान
राज्य के स्वामित्व वाली नेशनल बिल्डिग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) ने निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से सभी आवश्यक अनुमोदन प्रा कर लिए जो कि जयप्रकाश इंफ्राटेक लिमिटेट (जिल) के अधिग्रहण से संबंधित होने चाहिए थे। एनबीसीसी की रिवाइज बिड को नौ मई को सीओसी में रखा जाएगा।
जागरण संवाददाता, नोएडा : राज्य के स्वामित्व वाली नेशनल बिल्डिग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) ने निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग व आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से जयप्रकाश इंफ्राटेक लिमिटेड के अधिग्रहण से संबंधित सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त कर लिए हैं। एनबीसीसी की रिवाइज बिड को नौ मई को सीओसी में रखा जाएगा। यहां एक बार फिर वोटिग की जाएगी। जिसमे तय होगा कि एनबीसीसी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड का अधिग्रहण करेगी या नहीं। उधर, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड की तरफ से भी लगातार प्रयास किया जा रहा है। ताकि कंपनी को लिक्यूडेशन से बचाया जा सके। बताते चले 24 अप्रैल को एनबीसीसी की बिड को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) ने खारिज कर दिया था। एनबीसीसी के सूत्रों ने बताया कि कंपनी को सभी सरकारी अनुमोदन मिल चुके है। इसके साथ ही उसने अपना रिवाइज प्लान अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) अनुज जैन को भी भेज दिया है। सीओसी की वोटिग के बाद एनसीएलटी को तय करना होगा कि वह बिड में शामिल होगी या नहीं। सूत्रों ने बताया कि एनबीसीसी ने रिवाइज प्लान में कई ऐसे बिदुओं को शामिल किया है। जिसमे ऐसे बायर्स जिनको मकान नहीं पैसा वापस चाहिए को परेशानी हो सकती है। वहीं, एनबीसीसी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जमा कराए गए 750 करोड़ रुपये की मांग भी कर सकता है। जिसका प्रयोग वह बायर्स को पैसा देने में कर सकता है। इससे पहले सुरक्षा रिएल्टी को भी जोपी इंफ्राटेक लिमिटेड अधिग्रहण की बिड से बाहर कर दिया गया है।
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