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भारत से तंबाकू नियंत्रण की बारीकियां सीखेगा म्यांमार

भारत में तंबाकू की रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। इसलिए म्यांमार भारत की तंबाकू नियंत्रण नीति के आधार पर अपने देश में तंबाकू की रोकथाम के लिए नए नियम व कानून बनाएगा। यह जानकारी राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (एनआइसीपीआर) की निदेशक डॉ. शालिनी सिंह ने दीं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 09:22 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 09:22 PM (IST)
भारत से तंबाकू नियंत्रण की बारीकियां सीखेगा म्यांमार
भारत से तंबाकू नियंत्रण की बारीकियां सीखेगा म्यांमार

मोहम्मद बिलाल, नोएडा :

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भारत में तंबाकू की रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। इसलिए म्यांमार भारत की तंबाकू नियंत्रण नीति के आधार पर अपने देश में तंबाकू की रोकथाम के लिए नए नियम व कानून बनाएगा। यह जानकारी राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (एनआइसीपीआर) की निदेशक डॉ. शालिनी सिंह ने दीं।

उन्होंने बताया कि 19 से 22 नवंबर को म्यांमार में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) व म्यांमार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तंबाकू नियंत्रण नीति व कैंसर से बढ़ते खतरे को लेकर कार्यशाला हुई। इसमें म्यांमार के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्रालय मंत्री डॉ. मिट हातवे को ग्लोबल स्मोकलेस टोबैको कंट्रोल नीतियां और उनके कार्यान्वयन की पुस्तक सौंपी है। सेंटर के विभिन्न शोधों के जरिए धुआं रहित तंबाकू के खतरे से भी अवगत कराया। जिसके चलते भारत और म्यांमार के बीच से एक समझौते के तहत कैंसर और इससे जुड़ी बीमारियों पर शोध करने की भी सहमति बनी है। म्यांमार के स्वास्थ्य मंत्री ने भारत में कैंसर पर होने वाले शोध को लेकर इस्तेमाल हो रही तकनीक और रिसर्च लैब से प्रभावित होकर भारत के साथ मिलकर कैंसर पर शोध करने की इच्छा जताई है।

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नॉलेज हब से कराया अवगत :

डॉ. शालिनी ने बताया कि धुआं रहित तंबाकू यानि स्मोकलेस टोबैको के कुष्प्रभाव को भांपते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वर्ष 2005 में फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (एफसीटीसी) बनाया था। वर्ष 2016 में एनआइसीपीआर में विश्व के पहले ग्लोबल नॉलेज हब की स्थापना की गई। यह सेंटर दुनिया के 121 देशों को एसएलटी से जुड़े शोध व उसके कुप्रभावों के साथ ही जागरूक करता है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2017 के अनुसार भारत में बीड़ी, सिगरेट की लत की तुलना में चबाने वाले तंबाकू की लत के अधिक लोग शिकार हैं। करीब 21.4 फीसद (15 वर्ष से अधिक) धूमपान रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं। जबकि 10 फीसद धूमपान करते हैं, जिसका मुख्य कारण 90 फीसद मुंह का कैंसर है। इसलिए धुआं रहित तंबाकू पर रोकथाम जरूरी है। इसलिए म्यांमार ने भारत की तंबाकू नियंत्रण नीति को अपने की बात कही है।


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