अटकी है सांस, बिगड़ न जाए बात
मनीष तिवारी ग्रेटर नोएडा प्रदेश का शो विंडो माने जाने वाले गौतमबुद्ध नगर में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। सक्रिय मामलों की संख्या 929 हो गई है। जिले में बढ़ते संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने जिले का दौरा किया। विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। संभावना जताई जा रही है रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों की सांस अटकी हुई हैं।
मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा
प्रदेश का शो विंडो माने जाने वाले गौतमबुद्ध नगर में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। सक्रिय मामलों की संख्या 929 हो गई है। जिले में बढ़ते संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने जिले का दौरा किया। विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। संभावना जताई जा रही है रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों की सांस अटकी हुई हैं।
कोरोना संक्रमण के मामले में जिला टॉप में उपस्थिति दर्ज करा रहा है। संक्रमण के शुरुआती दिनों में 30 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने जिले का दौरा किया था। उन्होंने पाया था कि कोरोना संक्रमण रोकने के मामले में जिला प्रशासन ने लापरवाही बरती थी। मुख्यमंत्री ने पूर्व जिलाधिकारी बीएन सिंह को फटकार भी लगाई थी, जिसके बाद उनका तबादला भी हो गया था। कुछ सप्ताह पूर्व गर्भवती महिला के उपचार में लापरवाही बरती गई थी। इस कारण महिला की मौत हो गई थी। लापरवाही का मामला लखनऊ तक पहुंचा था, इस मामले में गाज राज कर्मचारी बीमा निगम के निदेशक अनीस सिंघल व जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. वंदना शर्मा पर गिरी थी। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में कोरोना संक्रमण की बिगड़ती स्थिति पर दोबारा समीक्षा की थी, इसमें गौतमबुद्ध नगर भी था। जिले में संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था। इसके तहत मंत्री सुरेश खन्ना ने दौरा किया। कोविड अस्पतालों की स्थिति को देखा, मरीजों से बात की व अन्य व्यवस्थाओं को भी देखा और इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। चर्चा है कि रिपोर्ट में लापरवाही का जिक्र है। ऐसे में शासन से कभी भी नया आदेश जारी होने को लेकर अधिकारी सांसत में हैं।