सरकारी अस्पतालों में हुई माक ड्रिल, समय में दिखा सुधार
जागरण संवाददाता नोएडा कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों में पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) की माक ड्रिल हुई। माक ड्रिल में इस बार पहले के मुकाबले कमियां भी न के बराबर रही। इमरजेंसी से लेकर आइसीयू तक बच्चे को पहुंचाने के समय में भी सुधार रहा। पर्यवेक्षक ने पूरी प्रक्रिया को बारीकी से परखा। स्वास्थ्य विभाग ने जिले के दो अस्पतालों में माक ड्रिल की।
जागरण संवाददाता, नोएडा : कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों में पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) की माक ड्रिल हुई। माक ड्रिल में इस बार पहले के मुकाबले कमियां भी न के बराबर रही। इमरजेंसी से लेकर आइसीयू तक बच्चे को पहुंचाने के समय में भी सुधार रहा। पर्यवेक्षक ने पूरी प्रक्रिया को बारीकी से परखा। स्वास्थ्य विभाग ने जिले के दो अस्पतालों में माक ड्रिल की।
सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल में माक ड्रिल के तहत बतौर पर्यवेक्षक संयुक्त निदेशक डा. सचिन वैश्य की मौजूदगी में गेट नंबर तीन से सायरन बजाते हुए एंबुलेंस ने एंट्री की। बच्चे को स्ट्रेचर पर लिटाकर इमरजेंसी तक पहुंचाया। चिकित्सकों ने तत्काल बच्चे को आक्सीजन स्पोर्ट पर लेकर उपचार शुरू कर दिया। उसकी पल्स 96 व आक्सीजन सेचुरेशन 99 दर्ज कर आब्जर्वेशन कक्ष में शिफ्ट किया। पूरी प्रक्रिया के तहत बच्चे को इमरजेंसी से आब्जर्वेशन कक्ष तक पहुंचाने में चिकित्सकों की टीम को चार मिनट का समय लगा। पिछली बार 27 अगस्त को हुई माक ड्रिल में बच्चा पांच मिनट से अधिक समय में पहुंचा था। संयुक्त निदेशक ने पूर्व की कमियों को दूर करने के आदेश दिए थे। नतीजन, चिकित्सकों व स्टाफ ने खुद को तैयार रखा और कम से कम गलतियां की। व्यवस्था को देखकर डॉक्टरों व स्टाफ की सराहना भी की गई। इसके अलावा संयुक्त निदेशक ने बिसरख सीएचसी में भी माक ड्रिल का जायजा लिया। दोनों ही जगह कमांड कंट्रोल से सूचना मिलने के बाद डमी मरीज के अस्पताल पहुंचने के समय और उपचार के अलावा दवाइयों की उपलब्धता व आक्सीजन की व्यवस्था तक को आंका गया। सीएमएस डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि किसी कारणवश दो सरकारी अस्पतालों में ही माक ड्रिल हो सकी। दोनों ही जगह स्टाफ की तैयारियां अच्छी रहीं।