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मिट्टी के दीयों से जाग रही उम्मीदों की रोशनी

पारुल रांझा नोएडा दीपावली त्योहार आने में चंद दिन बाकी हैं। खुशियों के इस पर्व पर घरों को जगमग करने के लिए मिट्टी के दीये बेचने वाले कुम्हारों की दुकानें भी शहर के बाजारों व चौराहों पर सज गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 12:51 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 12:51 AM (IST)
मिट्टी के दीयों से जाग रही उम्मीदों की रोशनी
मिट्टी के दीयों से जाग रही उम्मीदों की रोशनी

ेपारुल रांझा, नोएडा : दीपावली त्योहार आने में चंद दिन बाकी हैं। खुशियों के इस पर्व पर घरों को जगमग करने के लिए मिट्टी के दीये बेचने वाले कुम्हारों की दुकानें भी शहर के बाजारों व चौराहों पर सज गई हैं। बाजार में दीयों की मांग अचानक बढ़ने से कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी से जूझते कुम्हारों को उम्मीद की रोशनी दिख रही है। चीन से चल रही तकरार से इस बार लोग मिट्टी का दीये अधिक पसंद कर रहे है। ऐसे में कुम्हारों को कोरोना संक्रमण को लेकर लागू लाकडाउन के बाद से नुकसान की भरपाई इस दीपावली में होने की उम्मीद है। थोक में मिल रहा मिट्टी के दीयों का आर्डर :

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शहर में कुम्हार समाज के कई परिवार दीये के साथ ही मिट्टी के खिलौने सहित अन्य पूजा-पाठ से जुड़े सामान बना रहे हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार गणेश उत्सव से लेकर नवरात्र उत्सव में बिकने वाली मूर्तियों की संख्या की मांग काफी कम रही। इससे कुम्हारों को काफी नुकसान हुआ। अब दीपावली पर्व के लिए इन्हें थोक में आर्डर मिल रहे हैं। सेक्टर-27 स्थित अट्टा मार्केट के पास दीये बेच रहे दिनेश कुमार ने बताया कि वे जी-जान से मिट्टी के दीये और बर्तनों को बना रहे है। दीपावली नजदीक आने के साथ मिट्टी के दीये की बिक्री बढ़ रही है। उम्मीद है कि इस बार उनकी दीपावली हर साल के तरह अच्छी रहेगी। आर्थिक नुकसान की भी कुछ हद तक भरपाई हो जाएगी। 30 रुपये में मिल रहे 50 दीये :

पिछले 15 साल से मिट्टी निर्मित सामान बेचने वाले सुरेंद्र ने बताया कि कोरोना के दौरान मिट्टी के बर्तनों का कारोबार पूरी तरह से ठप था। रोजी-रोटी तक के लाले पड़ गए थे। अब स्थिति सामान्य होने लगी है। परिवार के सदस्य भी इस कारोबार में जुट गए हैं। 30 रुपये में 50 मिट्टी के दीये बेचे जा रहे हैं। एक बाती और चार बातियों वाले दीयों की कीमत 10 रुपये से शुरू होकर 80 रुपये तक है।


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