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केवाईसी अपडेट नहीं कराने वाली कंपनियों पर होगा केस

पीएफ खाता धारकों के खाते में केवाईसी विवरण (आधार कार्ड, बैंक खाता व मोबाइल नंबर) दर्ज नहीं कराने पर कई बड़ी कंपनियों पर क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय ने दंडात्मक कार्यवाही शुरू कर दी है। क्षेत्रीय आयुक्त ने सभी बड़ी कंपनियों के केवाईसी अपडेट की समीक्षा की है। इसमें कई बड़ी कंपनियों द्वारा केवाईसी अपडेट नहीं कराने की बाते सामने आई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 07:29 PM (IST)
केवाईसी अपडेट नहीं कराने वाली कंपनियों पर होगा केस
केवाईसी अपडेट नहीं कराने वाली कंपनियों पर होगा केस

जागरण संवाददाता, नोएडा : पीएफ खाता धारकों के खाते में केवाईसी विवरण (आधार कार्ड, बैंक खाता व मोबाइल नंबर) दर्ज नहीं कराने पर कई बड़ी कंपनियों पर क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय ने दंडात्मक कार्यवाही शुरू कर दी है। क्षेत्रीय आयुक्त ने सभी बड़ी कंपनियों के केवाईसी अपडेट की समीक्षा की है। इसमें कई बड़ी कंपनियों द्वारा केवाईसी अपडेट नहीं कराने की बाते सामने आई। इसके बाद क्षेत्रीय आयुक्त ने केवाईसी अपडेट नहीं कराने वाली कंपनियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में अभियोग दर्ज करवाने के आदेश दिया है। जिन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश हुए है उसमें प्रमुख रूप से ब्लूस्टार मैनेजमेंट सर्विसेज, जी4एस सिक्युरिटी सॉल्यूशन, आरजी इलेक्ट्रिकल्स, हल्दीराम स्नैक्स, लॉडरेड्स, वरन मैनपावर, रोहन मोटर्स, प्रोवजि मैनसिस्टम्स, एचवीआर सोलर, एंटोनी रोड ट्रांसपोर्ट सॉल्यूशंस शामिल हैं। विभाग के अनुसार इन कंपनियों के खिलाफ ईपीएफ एक्ट की धारा 14(2) व सीआरपीसी 190 की धारा के तहत अभियोजन दर्ज करवाया जा रहा है। विभाग का लक्ष्य है कि शत-प्रतिशत डिजिटलीकरण कर अपनी सेवाएं पूर्ण रूप से ऑनलाइन माध्यम से प्रदान करें। यूएएन से बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर व आधार नंबर जोड़ने के बाद भविष्य निधि सदस्यता बनाएं रखने पर कई लाभ हैं। केवाईसी अपडेट रहने पर सदस्य अपने हस्ताक्षर से ही बिना नियोक्ता के हस्ताक्षर के अपना पैसा निकाल सकते हैं या एडवांस के रूप में ले सकते हैं। ऑनलाइन ही दावा प्रपत्र भी जमा कर सकते हैं। मालूम हो कि क्षेत्रीय कार्यालय ने अभियान चलाते हुए सभी कंपनियों को 2 अक्टूबर तक अपने कर्मचारियों के पीएफ खाते में केवाईसी अपडेट कराने का निर्देश दिया था। इस दौरान कई कंपनियों के खिलाफ विभाग ने पहले नोटिस भी जारी किया था।

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