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खाकी ने तोड़ा खाकी का चक्रव्यूह

मनीष तिवारी ग्रेटर नोएडा सादोपुर गांव में छात्रा के घर से जाने के बाद स्वजन को मामले की जानकारी हो गई थी। परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को देखते हुए छात्रा के चाचा (दिल्ली पुलिस में दारोगा) महाराज सिंह ने अपहरण होने की कहानी का षड्यंत्र रचा था। परिवार के लोगों ने एक फिल्म दिखाकर मामले में घर के बच्चों को भी अपहरण की झूठी कहानी का पाठ पढ़ा दिया। दिल्ली पुलिस के दारोगा द्वारा रचे गए षड्यंत्र को नोएडा पुलिस के शूरवीरों ने महज 24 घंटे में तार-तार कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 07:37 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 07:37 PM (IST)
खाकी ने तोड़ा खाकी का चक्रव्यूह
खाकी ने तोड़ा खाकी का चक्रव्यूह

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा: सादोपुर गांव में छात्रा के घर से जाने के बाद स्वजन को मामले की जानकारी हो गई थी। परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को देखते हुए छात्रा के चाचा (दिल्ली पुलिस में दारोगा) महाराज सिंह ने अपहरण होने की कहानी का षड्यंत्र रचा था। परिवार के लोगों ने एक फिल्म दिखाकर मामले में घर के बच्चों को भी अपहरण की झूठी कहानी का पाठ पढ़ा दिया। दिल्ली पुलिस के दारोगा द्वारा रचे गए षड्यंत्र को नोएडा पुलिस के शूरवीरों ने महज 24 घंटे में तार-तार कर दिया।

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पुलिस ने बताया कि अपने प्रेमी से मिलने के लिए छात्रा 15 सितंबर को दिन में ही चली गई थी। स्वजन को कुछ घंटे बाद ही मामले की जानकारी हो गई थी। इससे सभी को सामाजिक आघात की चिता सताने लगी। इसके बाद दारोगा महाराज सिंह ने अपहरण की झूठी कहानी रचने की योजना बनाई। पुलिस ने बताया कि घर के बच्चों को घर पर लगे टीवी से एक फिल्म दिखाई गई। इसमें एक सीन में कार से अपहरण होता है। बच्चों को यह कहानी रटाई गई। अगले दिन सुबह लगभग पांच बजे पुलिस को फोन कर कहानी की शुरुआत हुई। स्वजन व बच्चों ने जो बात बताई उसे सुनकर पहले तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। बाद में स्वजन व बच्चों से अलग-अलग बात करने पर पुलिस को घटना पर शक होने लगा। जांच में एक के बाद एक कड़ियां जुड़ती गई और झूठी कहानी की हकीकत सामने आ गई।

पुलिस ने खंगाले 150 सीसीटीवी फुटेज : स्वजन ने पुलिस को बताया था कि वैन से आए बदमाशों ने अपहरण किया था। पुलिस ने घटना स्थल की ओर आने वाले सभी रास्तों पर लगे लगभग 150 सीसीटीवी कैमरों की चार घंटे की फुटेज खंगाली। इस दौरान एक भी वैन घटना स्थल की ओर जाती हुई नहीं दिखी। इससे पुलिस को शक हो गया कि घटना झूठी है। पुलिस की एक टीम ने जब परिवार के सदस्यों व घटना के वक्त मौजूद बच्चों से अलग-अलग पूछताछ की तो सभी ने अलग-अलग कहानी भी सुनाई। रही-सही कसर छात्रा द्वारा प्रयोग हो रहे नए मोबाइल नंबर से पूरी कर दी। इसने पुलिस को छात्रा के दोस्त अनिमेष तक पहुंचा दिया।


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