पर्यावरण मंत्रालय ने सात बिदुओं पर मांगी जानकारी
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को पर्यावरण अनापत्ति देने से पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सात बिदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय जेवर एयरपोर्ट को पर्यावरण संबंधी अनापत्ति देने पर फैसला करेगा। दिल्ली में हुई बैठक में पर्यावरण मंत्रालय ने एयरपोर्ट के लिए अधिगृहीत की जा रही जमीन पर खड़े पेड़ तालाब व इलाके में विचरित करने वाले संरक्षित पशु पक्षियों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को पर्यावरण अनापत्ति देने से पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सात बिदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय जेवर एयरपोर्ट को पर्यावरण संबंधी अनापत्ति देने पर फैसला करेगा। दिल्ली में हुई बैठक में पर्यावरण मंत्रालय ने एयरपोर्ट के लिए अधिगृहित की जा रही जमीन पर खड़े पेड़, तालाब व इलाके में विचरित करने वाले संरक्षित पशु, पक्षियों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
पर्यावरण मंत्रालय ने जेवर एयरपोर्ट को पर्यावरण संबंधी अनापत्ति देने से पहले जानकारी मांगी है कि कितने पेड़ काटे जाएंगे। कटे पेड़ों के एवज में कितने पेड़ लगाए जाएंगे। इसके अलावा पेड़ काटने के लिए वन विभाग ने अनुमति ली गई है या नहीं। एयरपोर्ट के लिए चिह्रित क्षेत्र में मौजूदा तालाबों की क्या वैकल्पिक व्यवस्था होगी। क्षेत्र से गुजरने वाली नहर में मौजूद पानी, सिचित क्षेत्र आदि की जानकारी मांगी है। इसके अलावा वहां विचरण करने वाले संरक्षित पशु व पक्षियों के संबंध में भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा तैयार योजना भी मांगी है। रिपोर्ट सौंपने के बाद ही मंत्रालय अनापत्ति जारी करने को लेकर फैसला करेगा।
एयरपोर्ट की बिड प्रक्रिया पूरी होने से पहले पर्यावरण संबंधी अनापत्ति होना जरूरी है। ताकि एयरपोर्ट का निर्माण कार्य समय से शुरू हो सके। इसलिए नोएडा इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड (नियाल) ने मंत्रालय द्वारा मांगी गई रिपोर्ट को तैयार करना शुरू कर दिया है। नियाल जल्द ही भारतीय वन्यजीव संस्थान से संपर्क कर संरक्षित जीव एवं पक्षियों के बारे में रिपोर्ट तैयार कराएगी। एयरपोर्ट क्षेत्र में काले हिरन की मौजूदगी है। जो संरक्षित की श्रेणी में आते हैं। नियाल के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि पर्यावरण मंत्रालय ने जो जानकारी मांगी हैं, उन्हें जल्द उपलब्ध कराया जाएगा।
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